सुब्रत राय को पुलिस खोजने में रही नाकाम

सुब्रत राय ने राय ने अदालत में हाज़िर न होने पर अपने खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जारी गैर जमानती वारंट को वापस लेने की गुजारिश की और 4 मार्च को कोर्ट में पेश होने की वाबस्तगी जताई। राय ने कोर्ट में हाजिर न हो पाने के लिए बिना शर्त माफी भी मांगी।

सुब्रत राय के घर पर गैर-जमानती वारंट की तामील करवाने के लिए पुलिस पहुंची लेकिन वह घर पर नहीं मिले तो पुलिस बैरंग लौट गई। सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है क्योंकि वह ग्रुप की दो कंपनियों की तरफ से इ‍वेस्टरों को 20 हजार करोड रूपये लौटाने के अदालती हिदायत पर अमल नहीं करने के मुताल्लिक मामले में वह कोर्ट में पेश नहीं हुए।

जस्टिस केएस राधाकृष्णन और जस्टिस जेएस खेहड की बेंच ने कहा कि, हमने मंगल के रोज़ ही राय को ज़ाती तौर पर पेश होने से छूट देने से इनकार कर दिया था। वह आज भी पेश नहीं हुए हैं और हम गैर-जमानती वारंट जारी कर रहे हैं, जिसकी तामील 4 मार्च तक होनी है। इस मामले की सुनवाई शुरू होते ही राय की ओर से सीनीयर वकील राम जेठमलानी ने जजों को इत्तेला दी कि 95 साल की वालदा के खराब सेहत की वजह से वह अदालत में पेश होने में नअहल हैं।

इस पर जजों ने कहा कि, इस कोर्ट के हाथ बहुत लंबे हैं। मंगल के रोज़ ही हमने ज़ाती तौर पर पेशी से छूट देने की गुजारिश को ठुकरा दिया था। हम गैर-जमानती वारंट जारी करेंगे। यह मुल्क की अदाल ए अज़मी है। जजों ने कहा कि, हमने आपसे कहा था कि हम ज़ाती तौर पर पेशी से आपको छूट देने के हक में नहीं हैं। अगत दूसरे डायरेक्टर्स पेश हो सकते हैं तो फिर आप क्यों नहीं।

अदालत ने इंवेस्टर्स को 20 हजार करोड रूपये लौटाने के हुक्म पर अमल नहीं किए जाने की वजह से 20 फरवरी को सहारा ग्रुप को आड़े हाथ लेते हुए सुब्रत राय के साथ ही सहारा इंडिया रियल इस्टेट कार्पोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया हाउसिंग इन्वेस्टमेन्ट कार्पोरेशन लिमिटेड के डायरेक्टर्स रवि शंकर दुबे, अशोक राय चौधरी और वंदना भार्गव को समन जारी किए थे।