सुब्रत रॉय की याचिका खारिज, कोर्ट ने तय समय पर 966 करोड़ जमा करने को कहा

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय की याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि वह शीर्ष अदालत का कानून से खेलने के लिए एक प्रयोगशाला की तरह उपयोग करने का प्रयास कर रहे हैं. उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें 966 करोड़ रुपए जमा कराने के लिए और दो महीने का समय देने की अपील की गई थी। सहारा प्रमुख ने कोर्ट से 1,500 करोड़ रुपए की राशि में से शेष बची 966 करोड़ की राशि को जमा कराने के लिए 11 नवंबर तक का समय देने की अपील की थी।

कोर्ट ने यह निर्देश तब दिया जब रॉय ने बताया कि उन्होंने सेबी-सहारा खाते में 533.20 करोड़ जमा करा दिए हैं और वह शेष 966.80 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान 11 नवंबर की तारीख वाले चेकों के जरिए करना चाहते हैं। कोर्ट ने आधिकारिक परिसमापक को समूह की एंबी वैली परियोजना की नीलामी पर तय समय के अनुसार ही बढ़ने का निर्देश दिया. ग्रुप की महाराष्ट्र की एंबी वैली संपत्ति का मूल्य 37,392 करोड़ रुपये है. कोर्ट ने कहा है कि सहारा प्रमुख ने सिर्फ बढ़ा-चढ़ा कर बयान दिये हैं, लेकिन यह पूरी राशि अब तक जमा नहीं करायी गयी है.

कोर्ट ने कहा कि सहारा प्रमुख ने सिर्फ अतिशयोक्तिपूर्ण और वाकपटुता’ वाले बयान दिए हैं लेकिन यह पूरी राशि अब तक जमा नहीं कराई गई है। कोर्ट ने 25 जुलाई को सहारा प्रमुख को 1,500 करोड़ रुपये की राशि सात सितंबर तक सेबी-सहारा खाते में जमा करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि उसके बाद ही रॉय निवेशकों को बकाया राशि के पूर्ण भुगतान के लिए 18 महीने का और समय मांगने की याचिका पर बहस कर सकते हैं।