सुरक्षा कारणों से कश्मीर में कर्फ्यू और प्रतिबंध लगा, लोगों से प्रशासन को सहयोग करने की अपील

श्रीनगर। प्रशासन ने श्रीनगर में अलगाववादियों द्वारा आहूत प्रदर्शनों के मद्देनजर शुक्रवार को कश्मीर घाटी में कर्फ्यू और प्रतिबंध लगा दिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने खबर एजेंसी को बताया , श्रीनगर सहित घाटी के अधिकतर हिस्सों में कर्फ्यू और प्रतिबंध लगा है। लोगों को प्रशासन के साथ सहयोग बनाए रखने की सलाह दी गई है।

घाटी में 21 दिन से लगातार सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अलगाववादियों ने 31 जुलाई तक प्रदर्शनों को बढ़ा दिया है। अलगाववादियों का कहना है कि इस अवधि के दौरान लोगों को शाम सात बजे तक कुछ ही घंटो के लिए खरीदारी जैसी कुछ गतिविधियों की छूट दी गई है। गौरतलब है कि बुधवार को अनंतनाग सहित सिर्फ तीन ही जिलों में कर्फ्यू लगाया गया था।

घाटी में उपजे इस उग्र झड़प में अब तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 48 नागरिक और दो पुलिसकर्मी हैं। पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा अभी भी ठप है, जबकि पोस्टपेड मोबाइल सेवा को फिर से बहाल कर दिया गया है। प्रीपेड मोबाइल पर इनकमिंग की सुविधा है लेकिन ऐसे नंबरों से फोन नहीं किया जा सकता। इस बीच, अलगाववादी समूहों के हड़ताल के आह्वान को देखते हुये आज लगातार 21वें दिन जनजीवन प्रभावित हुआ। अधिकारी ने बताया कि स्कूल, कॉलेज और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं। सार्वजनिक वाहन सड़कों पर नजर नहीं आए। सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति काफी कम रही।

अलगाववादी खेमे ने कश्मीर में बंद 31 जुलाई तक बढ़ा दिया है। सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले हुर्रियत के दोनों गुटों और यासीन मलिक के नेतृत्व वाली जेकेएलएफ सहित अलगाववादियों ने कल देर रात एक बयान जारी कहा, बंद रोजाना की तरह जारी रहेगा और शाम सात बजे से देर रात तक इसमें छूट रहेगी।