सुषमा, वसुंधरा और चौहान ने कोई ग़लती नहीं की , इस्तीफ़े का मुतालिबा मुस्तरद

नई दिल्ली: ललित मोदी तनाज़े और व्यापम स्कैम पर अपोज़ीशन की तन्क़ीदों से परेशान नरेंद्र मोदी हुकूमत और हुक्मराँ बी जे पी ने वज़ीर-ए‍-ख़ारिजा सुषमा स्वराज के अलावा अपने दो चीफ़ मिनिस्टर्स के इस्तीफ़ों या उन के ख़िलाफ़ आइद इल्ज़ामात की तहक़ीक़ात के मुतालिबात को मुस्तरद कर दिया है और वाज़िह किया कि उन्होंने कोई ग़लती नहीं की।

एक ऐसे वक़्त जब इस मसले पर पार्लियामेट आज दूसरे रोज़ भी अपोज़िशन के शोर-ओ-गुल और हंगामा आराई से दहल गया, वज़ीरे फाइनेंस‌ अरूण जेटली ने अपोज़िशन पर सख़्त तन्क़ीद करते हुए कहा कि वो (अपोज़िशन जमातें) बेहस में इंतेहाई कमज़ोर और हंगामा आराई में ताक़तवर मालूम होती हैं।

उन्होंने अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि सुषमा स्वराज जिन के इस्तीफ़े के लिए कांग्रेस के ज़ेर-ए-क़ियादत जमातों की तरफ़ से ज़बरदस्त दबाव‌ डाला जा रहा है, बी जे पी पार्लिमानी पार्टी के आज मुनाक़िदा इजलास में तफ़सीली वज़ाहत करचुकी हैं और पार्टी चाहती है कि वो सारे मुल्क को इस तफ़सील से वाक़िफ़ करवाईं।

सुषमा स्वराज और राजस्थान के चीफ़ मिनिस्टर वसुंधरा राजे अपोज़िशन की तन्क़ीदों का सामना कररही हैं। मध्य प्रदेश के चीफ़ मिनिस्टर व्यापम स्कैम‌ और इस से मरबूत 40 अफ़राद की मुश्तबा अम्वात पर मुख़्तलिफ़ गोशों की तन्क़ीद का सामना कररहे हैं। अरूण जेटली ने कहा कि अपोज़ीशन जमातें इन तमाम के ख़िलाफ़ तहक़ीक़ात का मुतालिबा कररही हैं लेकिन तहक़ीक़ात इस सूरत ही में की जा सकती हैं जब क़ानून की किसी दफ़ा की ख़िलाफ़वरज़ी होती है, लेकिन इन माम‌लात में ऐसी कोई गुंजाइश नहीं है और किसी ने भी ये साबित नहीं किया है कि इन क़ाइदीन ने किसी क़ानून की ख़िलाफ़वरज़ी की है।

सुषमा स्वराज, वसुंधरा राज्य या मध्य प्रदेश के चीफ़ मिनिस्टर श्यौराज सिंह चौहान को मुस्ताफ़ी होने की ज़रूरत नहीं है। वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी के अरकान पार्लीमान पर ज़ोर दिया कि वो मर्कज़ की कारकर्दगी पर फ़ख़र महसूस करें। बी जे पी के सदर अमीत शाह ने कहा कि बी जे पी के ज़ेर इक़्तेदार तमाम रियासतें दियानतदारी के साथ बेहतर काम कररही हैं।

मर्कज़ी वज़ीर मुख़तार अब्बास नक़वी ने कहा कि 45 मिनट के इजलास के दौरान सुषमा स्वराज ने तफ़सीली वज़ाहत पेश की। मुख़तार अब्बास नक़वी ने सुषमा स्वराज के हवाले से कहा कि मैंने उन्हें (ललित मोदी को) कोई माली मुनफ़त नहीं पहुंचाई और ना ही हिन्दुस्तान से फ़रार होने में मदद की।

मैंने ललित मोदी को सफ़री दस्तावेज़ात की फ़राहमी के लिए बर्तानवी हुकूमत से कभी कोई दरख़ास्त नहीं की। जो कुछ मैंने किया, वो ये था कि बर्तानवी हुकूमत से कहा कि (ललित मोदी की दरख़ास्त पर) जो भी फ़ैसला किया गया है, इस से हिन्दुस्तान के साथ बर्तानिया के ताल्लुक़ात मुतास्सिर ना हो।