बी जे पी के सीनियर लीडर अरूण जेटली ने बरसर-ए-इक्तदार कांग्रेस पार्टी को मुल्क की सुस्त रफ़्तार मआशी तरक़्क़ी का ज़िम्मेदार क़रार देते हुए कहा कि अगर सूरत-ए-हाल बेहतर ना हो तो इस का रास्त असर रोज़गार पर मुरत्तिब होगा।
उन्होंने एक जल्सा-ए-आम से ख़िताब करते हुए कहा कि मुल्क की मईशत मुकम्मल तौर पर तबाह होचुकी है। अंदरून-ए-मुल्क सरमाया कारी बंद होचुकी है। मुल्क के सनअतकार बैरून-ए-मुल्क मुंतक़िल होरहे हैं और वहां सरमायाकारी कर रहे हैं। अगर ये सूरत-ए-हाल तबदील ना हो तो रोज़गार के मौक़े कैसे पैदा होंगे।
मआशी सरगर्मीयां रुक जाएंगी। उन्होंने अवाम को कोयला बलॉक अस्क़ाम की याददहानी करते हुए कहा कि सी ए जी कह चुका है कि इस स्कैंडल से 1.86 लाख करोड़ रुपये का नुक़्सान पहुंचा है जो हरियाणा के बजट का तीन गुना है।