सूचना आयुक्त को पद से हटा कर मोदी ने साबित किया की उनकी डिग्री फेक है: अरविन्द केजरीवाल

नई दिल्ली : गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि  सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू से उनका पद छीन लिए जाने से पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री फर्जी थी |

उन्होंने ट्वीट किया, “क्या यह साबित नहीं करता है उनकी डिग्री फर्जी है?  वह अपनी डिग्री को छिपाने के लिए कोशिश  क्यों कर रहे हैं |

आचार्युलू ने  दिल्ली विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री की जाँच का आदेश दिया था जिसके बाद उनसे  मानव संसाधन विकास मंत्रालय का चार्ज छीन लिया गया |इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ मंगलवार शाम को जारी एक आदेश में कहा गया है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय से संबंधित सभी शिकायतों और अपीलों को अब एक अन्य सूचना आयुक्त मंजुला पाराशर द्वारा देखा जाएगा| बता दें कि मुख्य सूचना आयुक्त को यह विशेषाधिकार है कि वह किसी भी आयुक्त को कोई भी विषय सौंप सकता है|

प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की डिग्री कुछ वक़्त से एक पहली बनी हुई है | जबकि उनकी पार्टी का दावा है कि मोदी ने 1978 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री हासिल की है | लेकिन उनकी पार्टी अपने इस दावे के लिए अभी तक कोई सुबूत पेश नहीं कर पायी है |

8 जनवरी को आचार्युलु ने दिल्ली विश्वविद्यालय को वर्ष 1978 में बीए डिग्री पास करने वाले सभी विद्यार्थियों के रिकार्ड की पड़ताल करने का आदेश दिया था। बता दें कि 1978 वही साल है जब विश्वविद्यालय के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी को डिग्री मिली थी |

गौरतलब है कि आरटीआई आवेदक नीरज ने विश्वविद्यालय से 1978 में बीए की परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की कुल संख्या, उनके परीक्षा परिणाम, क्रमांक, नाम, पिता के नाम, प्राप्तांक आदि सूचनाएं मांगी थी|  ये सूचनाएं देने से इनकार करते हुए विश्वविद्यालय के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी ने जवाब दिया था कि मांगी गयी सूचनाएं संबंधित विद्यार्थियों की निजी सूचनाए है, उसके उद्घाटन का किसी सार्वजनिक गतिविधि या हित से कोई नाता नहीं है|  हालांकि आचार्युलु ने विश्वविद्यालय के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी की यह दलील खारिज कर दी थी। उन्होंने कहा कि इस दलील में उन्हें दम या कोई कानूनी पक्ष नजर नहीं आता है|