ओबामा ने शुक्रवार को कांग्रेस को सूचित किया कि वे खार्तूम सरकार के खिलाफ अपने प्रतिबंधों को उठा लेंगे, लेकिन छह महीने की अवधि में यह सुनिश्चित करने के बाद की सूडान के मानवाधिकार रिकॉर्ड में सुधार जारी है।
“प्रतिबंधों को उठाने के बाद कृषि, आयात-निर्यात सेवाओं, परिवहन, प्रौद्योगिकी और चिकित्सा उपकरण, और तेल के कारोबारों में राहत मिलने की उम्मीद है”, व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा।
परंतु इस कदम की मानवाधिकार समूहों ने कड़ी आलोचना की है । उनका मनना है की यह जानते हुए की दारफुर और दूसरे इलाको में “युद्ध अपराधों” मे दिन पर दिन बढ़ोतरी हो रही है, यह कदम “अकथनीय” है ।
शुक्रवार का यह कदम , ओबामा के प्रशासन के आखरी दिनों में इस बात के मद्देनजर आया की अफ्रीकी देश इस्लामिक स्टेट और अन्य आतंकवादी गुटों से लड़ने में अमेरिका की मदद करेंगे ।
परंतु आखरी फैसला डोनाल्ड ट्रम्प और उनके राज्य के सचिव, जो पूर्व तेल कार्यकारी रेक्स तिलरसों के बनने की संभावना है उनपर निर्भर करेगा ।
अरबपति रियल एस्टेट के रईस ने अब तक इन प्रतिबंधों को उठाने पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं करी है।
सूडान को १९९३ में आतंकवादी राज्य घोषित कर दिया गया था और १९९७ में इस्लामी समूहों को दिए अपने समर्थन के बाद वे अमेरिकी व्यापार प्रतिबंध के अधीन आ गया था। सूडान ने अल- क़ाएद के आतंवादी ओसामा बिन लादेन को १९९२ से १९९६ में खारर्तूम में आश्रय दिया था ।
कुछ प्रतिबन्ध अब भी रहेंगे – जैसे हथियारों की बिक्री और अमेरिकी सहायता पर प्रतिबंध इन प्रतिबंधों में शामिल है। दारफुर, जहां विद्रोहियों ने सरकार के खिलाफ २००३ में हथियार उठा लिए थे वे भी इन प्रतिबंधों में शामिल रहेगा।