साबिक़ डी सी पी साउथ ज़ोन मिस्टर मनीष कुम्हार सिन्हा की जानिब से सूदखोरों के ख़िलाफ़ चलाई जाने वाली मुहिम के बाद सूदी कारोबार पर कुछ हद तक कंट्रोल हुआ था,मगर सियासी दबाव के तहत उनका तबादला करदिए जाने के बाद शहर में सूदी कारोबार करने वाले गिरोह ,कंपनिया और अफ़राद एक बार फिर सरगर्म होगए हैं ।
इत्तिला के मुताबिक़, ज़रूरत मंदों और नोजवानोन में टू विलरस खरीदी का रुजहान दिन बदिन बढ़ता जा रहा है ताहम बाइक साज़ कंपनीयोंने इस रुजहान को इस्तिहसाल का ज़रीया बनालिया है,।इंस्टालमेंट पर गाड़ियों की खरीद वफ़रोख़त अगरचे बज़ाहिर कई लोगों के लिए गाड़ियों के हुसूल में आसानियां पैदा करता है मगर एसे कई अफ़राद हैं जो बाइक साज़ कंपनियों की शराइत के मुताबिक़ ,इंस्टालमेंट की रक़म वक़्त पर अदा ना करने की सूरत में बेशुमार परेशानीयों का सामना कर रहे हैं ।
बावसूक़ ज़राए के मुताबिक़, इंस्टालमेंट पर बाइक खरीदने वाला शख़्स अगर मुसलसल तीन माह तक अदायगी में नाकाम होगया तो मुताल्लिक़ा बैंक (चूँकि आम तौर पर बैंक के ज़रीया ही फ़ैनास किया जाता है) उस गाड़ी का नंबर लोन डिपार्टमैंट को रवाना कर देता है … लोन डिपार्टमेंट सारी तफ़सीलात के साथ इस नंबर को सीज़र डिपार्टमैंट को रवाना कर देता है..
इसके बाद ये डिपार्टमैंट ,इस नंबर को गाड़ियों को सीज़ करने वाले मख़सूस एजेंसी को फार्वड कर देता है( वाज़ेह रहे कि मज़कूरा एजेंसी को गाड़ियां ज़बत करने पर फ़ी गाड़ी एक हज़ार रुपये दिया जाता है) अब ये एजेंसी अपने गुंडा नुमा कारिंदों को गाड़ीयों की पूरी तफ़सीलात के साथ शहर के मख़सूस मुक़ामात पर मुतय्यन करदेता है ,जोकि अपने शिकार को पकड़ने में काफ़ी माहिर होते हैं ,इन में से हर कारिंदे को फ़ी गाड़ी 300 रुपये कमीशन दिया जाता है ..
।ज़राए के मुताबिक़ ,ये कारिन्दे जिनके पास कोई मुनासिब आई डी कार्ड भी नहीं होता ,बाइक के साथ अगर बाइक सवार को पकड़ लेता है तो वो उनकी कोई बात और कोई उज़्र सुनने तय्यार नहीं होता ,और गाड़ी छीन कर चला जाता है।और मुताल्लिक़ा शख़्स जब तक तमाम बक़ाया रक़म, मुख़्तलिफ़ किस्म के जुर्माने के साथ अदा ना करदे उनकी गाड़ी रीलीज़ नहीं की जाती।
लिहाज़ा शहर के संजीदा शहरीयों का कहना है कि जब तक उनके अंदर पूरी रक़म अदा करने की सकत ना हो , और सख़्त ज़रूरत ना हो वो इंस्टालमेंट पर गाड़ी ना खरीदें ,ताकि बाद में माली परेशानी के साथ साथ ज़हनी अज़ियत से भी महफ़ूज़ रह सकें।