गुजरात: सूरत में किसानों ने शनिवार को रिजर्व बैंक के नोटबंदी फैसले के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। किसानों ने कहा कि जिले के को-ऑपरेटिव बैंक में नोट जमा और बदलने व्यवस्था किया जाए वरना अमूल मिल्क को-ऑपरेशन को दूध देना बंद कर दिया जाएगा। किसानों ने इसके लिए एक हफ्ते की महोलत दी है।
प्रदर्शनकारियों ने 150 ट्रैक्टर और करीब 100 ट्रकों पर अनाज और गन्ने को लादकर कलेक्टर ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया। उन्होंने कलेक्टर के दफ्तर के बाहर सड़क पर अनाज और दूध फेंक दिए। किसान और दक्षिण गुजरात खेदूत समाज के अध्यक्ष जयेश पटेल ने कहा कि नोटबंदी ने किसानों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस प्रतिबंध को सात दिनों के भीतर नहीं हटाया गया तो किसान अमूल को-ऑपरेशन को दूध देना बंद कर देंगे। उन्होंने बताया कि अधिकतर किसानों के खाते जिला को-ऑपरेटिव बैंक है, जहां नोट नहीं बदला जा रहा है। इससे किसानों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
जयेश ने कहा कि हमने कलेक्टर को ज्ञापन दिया है कि सात दिनों को भीतर इस समस्या का सामाधान किया जाए वर्ना किसान अमूल को दूध देना बंद कर देंगे। साथ में सूरत जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (सूमूल) के पूर्व अध्यक्ष को भी एक ज्ञापन सौंपा गया है। सूरत कांग्रेस के अध्यक्ष हसमुख देसाई ने भी किसानों के इस विरोध-प्रदर्शन रैली में समर्थन भाग लिया।