सूर्य नमस्कार और योग पर अंतरिम आदेश लंबित जारी करने से इनकार

मुंबई: बम्बई हाईकोर्ट ने शहर के नगर स्कूल्स में योग और सूर्य नमस्कार को अनिवार्य करार देने संबंधी संकल्प पर अंतरिम आदेश लंबित जारी करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह सिर्फ एक कठिनाई है और यह शरीर के लिए अच्छी है। एक सामाजिक कार्यकर्ता मसूद अंसारी ने 23 अगस्त को हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर इस संकल्प को चुनौती दी थी। इस संकल्प मुंबई नगर निगम में पारित हुआ था। दरख़ास्त गुज़ार का दावा था कि इससे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और यह कानून के आधार पर दोषी है। दरख़ास्त गुज़ार के मुताबिक बीएमसी स्कूल्स में अध्ययन करने वाले अधिकांश छात्र गरीब परिवारों से संबंध रखते हैं और उनका सभी धर्मों से संबंध है।

मुख्य न्यायाधीश मनजूला चीलोर और जस्टिस एमएस सोनक युक्त एक खंडपीठ ने हालांकि कहा कि इस समस्या को केवल सूर्य नमस्कार के नाम से नहीं देखा जाना चाहिए। यह सिर्फ एक मशक़्क़त (एक्सरसाइज़) है और यह शरीर के लिए अच्छा है। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है और अंतरिम आदेश लंबित जारी करने से इनकार कर दिया।