नई दिल्ली: 21 जून को मोदी हुकूमत “YOGA -DAY ” के मौके पर प्रोग्राम मुनाकिद करने जा रही है. मुस्लिम तंज़ीम “YOGA -DAY ” की मुखालिफत कर रही हैं. मुखालिफत की वजह से ही हुकूमत ने सूर्य नमस्कार को “YOGA -DAY ” की तकरीब से अलग कर दिया है लेकिन शारदा और द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने इस पर सवाल उठाए हैं.
अब शंकराचार्य ने कहा है कि मुसलमानो के वीटो के सबब सूर्य नमस्कार को अलग करना ठीक नहीं है. हालांकि उन्होंने YOGA पर ही ये कहते हुए सवाल उठाए कि जो सवेरे उठ नहीं सकते उनको योग से कुछ नहीं मिलेगा. उधर यूपी के उन्नाव से बीजेपी एमपी साक्षी महाराज ने कहा कि सूर्य नमस्कार में परेशानी क्या है, क्यों इसे योग में शामिल न करने की मांग हो रही है?
“YOGA -DAY ” और YOGA की मुखालिफत करने वालों को नामसझ और नादान बताते हुये भारतीय जनता पार्टी के एमपी मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि YOGA को किसी मज़हब से नहीं जोड़ना चाहिये क्योंकि YOGA जिस्म के लिये एक नेमअत है और इससे हमारे जिस्म से सैकड़ों बिमारियां दूर भागती हैं.
आपको बता दें कि कल बीजेपी एमपी योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में मुतनाज़ा बयान दिया. आदित्यनाथ ने कहा है, ”जो लोग सूर्य नमस्कार को नहीं मानते, उन्हें समंदर में डूब जाना चाहिए.” आदित्यनाथ ने ये भी कहा कि जिन्हें योगा से परहेज है, उन्हें हिंदुस्तान की ज़मीन को छोड़ देना चाहिए.