सेंट्रल जेल में ही सेक्स रैकेट चलाने का खुलासा

कर्नाटक की दारुल हुकूमत बेंगलुरू सेंट्रल जेल में बंद ख्वातीन कैदियों के साथ मुबय्यना तौर पर जिंसी इस्तेहसाल का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद हडकंप मच गया है। वहीं, रियासत के वज़ीर ए दाखिला केजे जार्ज ने मामले की जांच के हुक्म दे दिए हैं।

जेल में बंद ख्वातीन कैदियों ने दो खत लिखकर बताया है कि जेल वॉर्डन उन्हें मर्द कैदियों से जबरन सेक्स के लिए मजबूर करती है। ख्वातीन कैदियों ने इल्ज़ाम लगाया है कि वॉर्डन ख्वातीन से सेक्स के एवज में मर्द कैदियों से 300 रूपए से 500 रूपए तक लेती है।

हालांकि, जेल इंतेज़ामिया ने सभी इल्ज़ामात को नकार दिया है। दोनों खत जेल की शिकायत बॉक्स में एक जज को मिलीं। जज ने खत को कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पास भेज दिया।

मुतास्सिरा ख्वातीन कैदियों ने लिखा है कि जेल में ख्वातीन कैदी महफूज़ नहीं हैं। अगर वे सेक्स करने से मना करती हैं तो उन्हें उनके घर वालों से मिलने नहीं दिया जाता है।

खत में एक खातून कैदी का जिक्र भी है, जिसके बारे में मुतास्सिरा ने लिखा है कि इसका जेल के अंदर दहशत है। खत के मुताबिक, कैदी नंबर 144 कैदियों के घरवालों से मिलने वाले खाने के सामान छीन लेती है। कोई उसे सामान देने से मना करती है तो वह उसे बुरी तरह से पीटती है। इसी साल 28 अक्टूबर को जेल डीजीआई केवी गगनदीप की तरफ से पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक , सेंट्रल जेल में 15 ख्वातीन कैदी जेल की सख्त सजा गुजार रही हैं, वहीं 3 ख्वातीन कैदी हैं, जो मामूली कारावास गुजार रही हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, सेंट्रल जेल (पाराप्पना अग्रहारा) में 89 ख्वातीन अंडरट्रायल हैं। चार लड़कियां (19 से 23 साल की) भी हैं, जबकि 8 नारकोटिक्स जुर्म में गिरफ्तार की गई हैं। जेल में 12 गैर मुल्क की ख्वातीन कैदी भी हैं, जिन्हें आम तौर पर होसुर रोड जेल में रखा जाता है।