सेंट्र्ल फ़ोर्सेस में मुस्लिम नौजवानों की ख़ुसूसी भर्तियां

नीम फ़ौजी दस्तों में तवक़्क़ो है कि मुस्लिम नौजवानों की बड़े पैमाने पर ख़ुसूसी भर्तियां अमल में आयेंगी। फ़ौज के मुख़्तलिफ़ शोबों और रैंक्स में ज़ाइद अज़ 70,000 जायदादें ख़ाली हैं। अक़लियतों के ग़लबा वाले इलाक़ों में भर्तियों की ज़बरदस्त मुहिम चलाई जाएगी। इस ख़सूस में अहम सतह पर ज़ोर दिया जाएगा।

मुल्क की सैंट्र्ल फोर्सेस में ख़ासकर 7 नीम फ़ौजी दस्तों जैसे सी आर पी एफ़, बी एस एफ़, आई टी बी पी, एस एस बी, सी आई ऐस एफ़, एन एस जी और आसाम राइफल्स में ज़ाइद अज़ 70,000 जायदादें ख़ाली हैं और तक़रीबन 42,700 जायदादें कांस्टेबल्स के लिए हैं।

तक़रीबन 25,200 जायदादें जूनियर कमीशन्ड ऑफीसर्स और 3,400 ऑफीसर्स की जायदादें हैं। विज़ारत-ए-दाख़िला के एक ओहदेदार ने कहा कि हम फ़ौज में बड़े पैमाने पर भर्तियां अंजाम देने का मंसूबा बनारहे हैं और इस के लिए ख़ुसूसी मुहिम चलाई जाएगी। मुल्क के अक़लियती ग़लबा वाले इलाक़ों में भर्तियों के कैंपस और रैलियां मुनाक़िद की जाएंगी ताकि मुस्लिम नौजवानों को ज़्यादा से ज़्यादा फ़ौज में शामिल होने की तरग़ीब दी जा सके।
मुल्क की पुलिस फ़ोर्स में अक़लियतों की नुमाइंदगी तक़रीबन 6.5 फ़ीसद है। वज़ीर-ए-आज़म के 15 नुकाती प्रोग्राम बराए अक़लियती बहबूद के तहत रियासतों से कहा गया है कि वो अक़लियतों के लिए ख़ुसूसी तवज्जो दें। इसके लिए मुसलमानों में ख़ुसूसी मुहिम चलाईं जबकि पुलिस में भर्तियों को यक़ीनी बनाया जाये।

सच्चर कमेटी ने भी इस तरह की सिफ़ारिश की है। दिसम्बर 2012 तक सी आर पी एफ़ में अक़लियतों की तादाद 23,167, बी एस एफ़ में 27,984, सी आई एस एफ़ 10,436, आई टी बी पी में 3,951, एस एस बी 4446, आसाम राइफल्स में 8,953 और इन्टेलीजेन्स ब्यूरो में 21119 है। सी आर पी एफ़ में जुमला अक्सरियत 1,97,796 है। बी एस एफ़ में 2,43,161 , सी आई एस एफ़ 1,30,05 , आई टी बी 78,022 , एस एस बी 80,697 और आसाम राइफल्स 66,412 हैं। 2007 में मुल्क की पुलिस फ़ोर्स में 1.01 लाख अक़लियतें मौजूद हैं जबकि उस की मुकम्मल तादाद 13.4 लाख नफ़ूस की है।