सेकुलरिज़्म का नारा लगाने वाली पार्टीयों अक़िलियत दुश्मन: पासवान

लोक जन शक्ति पार्टी के सरबराह राम विलास पासवान ने सेकुलरिज़्म का नारा लगाने वाली और वोट बैंक सियासत की वजह से हिंदूओं और मुसलमानों के दरमयान बढ़ते हुए इख़तेलाफ़ात पर ईज़हार-ए-तशवीश करते हुए कहा कि हिंदूओं और मुसलमानों के दरमियान इख़तेलाफ़ात में इज़ाफ़ा होगया है और उसकी वजह वोट बैंक की सियासत है।

उन्होंने कहा कि बी जे पी के विज़ारत-ए-उज़मा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने अवाम खासतौर पर नौजवान नसल को एतेमाद फ़राहम किया है। वो बिहार में बी जे पी के साथ नशिस्तों की तक़सीम का मुआहिदा करचुके हैं। उन्होंने कहा कि सियासत पर से खासतौर पर 26 ता 30 साल उम्र के नौजवानों का एतिमाद उठता जा रहा था।

उन्हें अब उमीद की एक किरण नज़र आई। इनका एहसास है कि इन (मोदी) को वज़ीर-ए-आज़म बनने का एक मौक़ा दिया जाना चाहिए। एल जे पी के सरबराह ने जो बिहार के इंतेख़ाबी हलक़ा हाजी पर से मुक़ाबला कररहे हैं जहां अक़िलिय‌तों की काबुल लिहाज़ आबादी है, कहा कि इन का मुक़ाबला मौजूदा रुकन पार्लियामेंट राम सुंदर दास से है जो जनतादल (यूनाईटेड) के उम्मीदवार हैं।

पासवान के फ़र्ज़ंद चिराग़ ने कहा कि चीफ़ मिनिस्टर बिहार नितीश कुमार और नायब सदर कांग्रेस राहुल गांधी बिहार के अवाम के लिए कोई अंसर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमें कामयाबी का यक़ीन है। नरेंद्र मोदी की लहर चल रही है। नितीश और राहुल की इंतेख़ाबात में कोई एहमीयत बाक़ी नहीं है।

राम विलास पासवान ने एन डी ए से तर्क-ए-ताल्लुक़ करलिया था, ये कहते हुए कि उसकी क़ियादत बी जे पी करती है जो फ़िर्क़ापरस्त पार्टी है, लेकिन गुज़िश्ता इंतेख़ाबात में एल जे पी की शर्मनाक शिकस्त के बाद उन्हों ने बी जे पी से नशिस्तों की तक़सीम का मुआहिदा करलिया है।