रियासती काँग्रेस पार्टी के जेनरल सेक्रेटरी सीनियर लीडर बारी आज़मी ने सेकुलरिज़्म को सिर्फ मुसलमानों से जोड़ने पर सख्त बरहमी का इज़हार करते हुये कहा की बीजेपी लीडरों के जरिये ये कहना के सेकुलरिज़्म के नाम पर वोटिंग करने से मुसलमानों की पसमानदगी दूर नहीं होगी। बारी आज़मी ने कहा की सेकुलरिज़्म को सिर्फ मुसलमानों से जोड़ कर नहीं देखना चाहिए। ये मुल्क के मुफाद में नहीं है। फिरका परस्ती की सियासत करने वालों को सेकुलरिज़्म की अहमियत का अंदाज़ा नहीं है। हिंदुस्तान एक सेकुलर मुल्क है इसकी खूबसूरती इसी में पोशीदा है। जिस दिन सेकुलरिज़्म मुल्क से खत्म हो जाएगा मुल्क का वजूद भी खत्म हो जाएगा। बीजेपी के लीडरान मुल्क से सेकुलरिज़्म को खत्म करना चाहते हैं। सिकुलरिज़्म का मामला सिर्फ मुसलमानों से जुड़ा नहीं है, ये तो मुल्क के 95 फिसद आवाम से वबिस्ता है। 5 फीसद फिरका परस्त ज़ेहनीयत के लोग गंदा खेल खेलकर सेकुलरिज़्म को कमजोर करना चाहते हैं। उन्होने कहा की आवाम ने बीजेपी को इक्तिदार इसी लिए नहीं दिया की वो मुल्क को फिरका परस्ती और सेकुलरिज़्म में उलझा कर रख दिया जाए। बीजेपी मुल्क को तरक़्क़ी की राह पर ले जाने के बजाए तंज़िली के रास्ते पर ले जा रहे हैं।