सेक्स रैकेट में पकड़ा गया इच्छाधारी बाबा की प्रापर्टी पर ED का चला चाबुक

नई दिल्ली: इच्छाधारी बाबा के नाम से मशहूर भीमानंद की काली सलतनत पर ग्रहण लगने लगा है। सेक्स रैकेट और हवाला के जरिए जुटाई गई काली कमाई पर Enforcement Directorate ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। और भीमानंद की कई प्रापर्टी को ईडी ने सील कर दिया है।

संत स्वामी इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिव मूरत द्विवेदी उर्फ राजीव रंजन द्विवेदी, जितने नाम उतने रूप, लेकिन जब कानून का चाबुक चला तो लोगों को प्रवचन देने वाला ये ढ़ोंगी बाबा पहुंच गया सलाखों के पीछे।

पिछले पांच सालों से ये शख्स जेल में बंद है। इस बीच इसकी कई काली करतूतें सामने आ गईं। और अब इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट यानी ईडी ने भी राजीव रंजन द्विवेदी पर शिकंजा कस दिया है।

गिरफ्तारी के पांच साल बाद ईडी ने द्विवेदी पर कार्रवाई करते हुए इसके कई इमलाक को सील कर दिया। इनमें शामिल है जुनूबी दिल्ली के खानपुर में बना एक आलीशान घर, जिसे मंदिर का जामा पहना दिया गया था। भीमानंद के 13 बैंक खातों के 90 लाख रुपयों को भी सील कर दिया गया। इसके अलावा तीन कार, जिनमें एक होंडा सिविक, एक होंडा सिटी और एक सैंट्रो को भी सील कर दिया गया।

ईडी की नजर चित्रकूट में बने 3 मंजिला मंदिर पर भी है, जो 5 हजार स्क़्वायर फुट में फैला है। इस मंदिर में कई एमपी और एमएलए भी माथा टेकने आते हैं। ईडी के मुताबिक ये मंदिर भी भीमानंद की काली कमाई से खड़ी की गई है।

फिलहाल मज़हबी वजहों से इस मंदिर को सील नहीं किया गया है। आपको बता दें कि दिल्ली के जिस मंदिर को ईडी ने सील किया है वो भीमानंद के सेक्स रैकेट का सबसे बड़ा अड्डा था। यहां एक गुफानूमा पोशीदा रास्ता था। रास्ता- तहखानेनूमा अंधेरे कमरे में जा कर खत्म होता था।

जिस्म फरोशी के धंधे के इस दुनिया में आकर अच्छे घरों की पढ़ी-लिखी लड़कियां रास्ता भूल जाती थीं। वो इच्छाधारी संत की खाहिश की गुलाम बन जाती थीं।

ये मंदिर दरअसल दो मंजिल की एक इमारत थी। ग्राउंड फ्लोर पर मंदिर बना था। फर्स्ट फ्लोर पर सेक्स रैकेट का कंट्रोल रुम। यहां एक झरोखा भी था। इस झरोखे से भीमानंद मंदिर में आने-जाने वाले लोगों पर निगाह रखता था। ढोंगी बाबा की मायावी दुनिया में 14 सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए थे।

पहली मंजिल में झरोखे के बाद शुरू हो जाती थी वो गुफा जिसके जरिए इच्छाधारी के तहखाने तक पहुंचने का रास्ता था, वो करीब 20 मीटर लंबा था। इसी गुफा के पीछे एक छोटा सा कमरा था। इसी छोटे से कमरे में इच्छाधारी के राज छुपे थे। इसी कमरे में ही हाईप्रोफाइल कॉलगर्ल से लेकर बड़े-बड़े दलाल तक जुटते थे।

इसी पाताललोक से वो लाल डायरियां मिली थीं जिससे शिवमूरत द्विवेदी उर्फ इच्छाधारी संत स्वामी भीमानंद के जिस्म के धंधे के सारे राज खुल गए। राज खुले तो वो अकीदतमंद भी हैरान रह गए जो रोजाना मंदिर भीमानंद का प्रवचन सुनने आते थे।

भीमानंद यहीं उन्हें प्रवचन सुनाता था। मंदिर की आड़ में भीमानंद के प्रवचन का खेल लंबे वक्त तक चला। बाद में ये मालूम चला कि भीमानंद जुनूबी दिल्ली के तीन इलाकों आर के पुरम, मोहम्मदपुर और हुमायूंपुर में भी आश्रम की आड़ में जिस्म का बाजार चल रहा था। लेकिन अब उसके काली सलतनत पर कानून का हथौड़ा चलना शुरू हो गया है।