सेमी के दो मुबय्यना कारकुनों की ज़मानत मंज़ूर

हैदराबाद सिटी पुलिस को उस वक़्त मायूसी का सामना करना पड़ा जब नामपली क्रीमिनल कोर्ट 14 वीं एडीशनल चीफ़ मेट्रो पोलीटन मजिस्ट्रेट ने महाराष्ट्रा से ताल्लुक़ रखने वाले दो मुबय्यना सेमी कारकुनों की ज़मानत मंज़ूर करते हुए उनकी रिहाई का हुक्म दिया।

शाह मुदस्सिर और शुएब अहमद ख़ान जिन्हें 22 अक्टूबर 2014 को सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन से गोपालपुरम पुलिस ने गिरफ़्तार करते हुए ये दावा किया था कि वो मुल्क में दहश्तगर्द हमला करने का मंसूबा तैयार कररहे थे और यहां से अफ़्ग़ानिस्तान जाने की कोशिश में थे।

बताया जाता हैके गिरफ़्तार दो सेमी कारकुनों के केस को स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एस आई टी) के हवाले कर दिया गया था और उन्हें पुलिस तहवील में लेकर तफ़तीश की गई। एस आई टी ने अदालत में ये दावा किया था कि शाह मुदस्सिर और शुएब ख़ान ने सईदाबाद के मोतसिम बिल्लाह की मदद से दहश्तगर्द ट्रेनिंग के लिए अफ़्ग़ानिस्तान जाने का मंसूबा तैयार किया था जिसे पुलिस ने नाकाम बनादिया।

वकील दिफ़ा ने दरख़ास्त ज़मानत दाख़िल करते हुए अदालत में ये इस्तिदलाल पेश किया थाकि उनके मुवक्किलों को 3 माह से ज़ाइद महरूस रखा गया है और एस आई टी उनके ख़िलाफ़ चार्ज शीट दाख़िल करने में नाकाम रही है। सरकारी वकील ने दरख़ास्त ज़मानत की मुख़ालिफ़त की।

वकील दिफ़ा ने इस्तिग़ासा के इस दावे को ग़लत बताते हुए सी आर पी सी की दफ़ा 167(2) के तहत मुल्ज़िमीन की ज़मानत मंज़ूर करने की गुज़ारिश की, जिस पर मजिस्ट्रेट ने मशरूत ज़मानत मंज़ूर करते हुए रिहाई का हुक्म दिया।

अदालत के अहकाम के बमूजब मुल्ज़िमीन को 25 हज़ार रुपये की 2 ज़मानतें जमा करानी होगी और ये रक़म मुक़ामी अफ़राद ही जमा कराईं। अदालत ने अपने अहकाम में बताया कि मुल्ज़िमीन को मुताल्लिक़ा तहक़ीक़ाती ओहदेदार के रूबरू हाज़िर होना पड़ेगा और पुलिस ज़मानत देने वाले अफ़राद के किरदार से मुतमइन होने के बाद ही ज़मानतें क़बूल की जाएंगी। वाज़िह रहे के मुदस्सिर और शुएब को गिरफ़्तार करते हुए पुलिस ने मोतसिम बिल्लाह को मफ़रूर मुल्ज़िम क़रार दिया था और ये इल्ज़ाम आइद किया था कि अफ़्ग़ानिस्तान को भेजने की ग़रज़ से मोतसिम ने सेमी के दो अरकान को हैदराबाद तलब किया था।