सेलफोन कंपनीयों के सरबराहान की अर्ज़ी पर अदालत का फ़ैसला महफ़ूज़

नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने आज ट्रायल कोर्ट के अहकामात के ख़िलाफ़ भारती सेलूलर लिमेटेड के सी ऐम लाए सुनील भारती मित्तल और ईसार ग्रुप के प्रोमोटर रवी रोशिया की दाख़िल करदा एक अर्ज़ी पर अपने फ़ैसले को महफ़ूज़ कर दिया है जबकि एन डी ए के दौर-ए-हकूमत के दौरान साल 2002 में इज़ाफ़ी स्‍पेक्‍ट्रम के मुख़तस करने से मुताल्लिक़ करप्शन केस में बहैसियत मुलाज़‌मीन ट्रायल कोर्ट में तलब किया गया है।

चीफ़ जस्टिस एच एल दत्तू की ज़ेरे क़ियादत तीन रुकनी बेंच ने मित्तल के वकील एफ़ एस नरीमान की बेहस मुकम्मल होने के बाद अपना फ़ैसला महफ़ूज़ कर दिया। नरीमान ने ये इस्तेदाल‌ पेश किया । ट्रायल कोर्ट उनके मुवक्किल को तलब करके एक ग़लती की है जबकि चार्ज शीट में बहैसीयत मुल्ज़िम सी एम डी का नाम शामिल किया गया है।

ताहम अस्सिटैंट लीगल एडवाइज़र ( सी बी आई ) ने कहा कि सिर्फ़ पब्लिक सरवैंटस को ही मुल्ज़िम बनाया जा सकता है इस वक़्त के सी बी आई डायरेक्टर ए पी सिंह ने कहा था कि कंपनीयों को भी मुल्ज़िम बनाया जा सकता है।