लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को जो करारी हार मिली वो इतिहास बन गई. खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी पारंपरिक सीट नहीं बचा पाए. उनके साथ ही कांग्रेस का एक और प्रमुख चेहरा, ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपनी गुना सीट हार गए. उन्हें कभी उनके ही साथी रहे केपी यादव ने 1 लाख 23 हजार वोटों हराया. इस हार जीत के खेल के बाद एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तैरने लगी.
ये तस्वीर ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी ने पोस्ट की थी. जब केपी यादव को बीजेपी ने गुना से सिंधिया के खिलाफ टिकट दिया था. प्रियदर्शिनी की पोस्ट का लब्बोलुआब ये था कि जो आदमी कभी सिंधिया के पीछे सेल्फी के लिए दौड़ता था, उसे बीजेपी ने सिंधिया के खिलाफ खड़ा किया है. प्रियदर्शिनी का ओवर कॉन्फिडेंस ऐसे ही नहीं था. खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां से चार बार सांसद रह चुके हैं. उससे पहले उनके पिता और दादी भी जीत चुके हैं.
खानदानी राजनीतिज्ञ केपी यादव
केपी यादव खुद 2004 में राजनीति में आए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केपी यादव का परिवार पहले से राजनीति में है. पिता रघुवीर सिंह यादव गुना से जिला पंचायत अध्यक्ष रहे. केपी यादव खुद राजनीति में आए, सिंधिया के सांसद प्रतिनिधि बने. आगे चलकर मुंगावली से विधायक बनने की उम्मीद थी लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से बृजेंद्र सिंह यादव को टिकट मिल गया. नाराज केपी यादव ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. बीजेपी ने मुंगावली से टिकट दिया लेकिन वो हार गए.
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने गुना से सिंधिया के खिलाफ केपी यादव को उतारा. सवाल उठाया कि ये आदमी विधानसभा चुनाव में शिकस्त खा चुका है, सिंधिया को कैसे हरा देगा? लेकिन रिजल्ट ने सारे अनुमान ध्वस्त कर दिए.