नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने सेना को लेकर सरकार के रवैए पर सवाल उठाया है। उन्होंने लिखा है कि हमारे सैनिक 125 करोड़ देशवासियों की रक्षा करते लेकिन उनके प्राणों के बदले सरकार के क्या चंद लफ्ज़ काफी है। उन्होंने कहा है कि सरकार को शब्दों के बजाए एक्शन करके सैनिकों के परिवारों को दिखाना चाहिए कि संकट की घड़ी में करकार और पूरा देश उनके साथ है।
राहुल गांधी ने पत्र में लिखा कि मैं उस वक्त स्तब्ध रह गया जब पिछले कुछ हफ्तों में सरकार ने विकलांगता पेंशन को एक नए स्लैब सिस्टम में डाल दिया। इससे विकलांग हुए सैनिकों के पेंशन में कटौती हो गई। वहीं सातवें वेतन आयोग से भी सैनिकों को निराश हाथ लगी है। राहुल लिखा कि ‘वन रैंक वन पेंश’ पर सरकार ने वाजिब कदम नहीं उठाए गए है।
उन्होंने कहा कि सराकार के सकारात्मक रवैया नहीं होने की वजह से हमारे भूतपूर्व सैनकों को सड़कों पर उतरना पड़ा। हमारे सैनिक देश की रक्षा करते है पर अपने नुकसान को लेकर कोई क्लेम नहीं करते। इसलिए यह सरकार का कर्तव्य बनता है कि उन्हें वन रैंक वन पेंशन, विकलांगता पेंशन और मुआवजा समेत सातवें वेतन आयोग में उचित लाभ दिया जाए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने ऐसा किया तो सैनिकों के घर और परिवार में भी सही से दीवाली मनाई जा सकेगी। अगर हम सैनिकों और उनके परिवार वालों को सहायता और सुरक्षा देंगे तो वे भी सीमा पर बेफिक्र होकर दुश्मनों से हमारी करेंगे।