सैम पित्रोदा का बीजेपी पर हमला, राम मंदिर या इतिहास जैसे मुद्दों से आगे बढ़ो

चुनाव जीतने के लिए सबसे बड़ा मूलमंत्र धर्म की राजनीति, लगभग सभी पार्टियाँ ऐसा करती हैं| बीजेपी तो धर्म, राम मंदिर, हिन्दू मुस्लिम इन्हीं मुद्दों से चुनाव जीतती आयी है| अब भी कर रही है| विकास और रोज़गार का मुद्दा ग़ायब अब कुछ बचा है तो धर्म| इसी धर्म की राजनीत को लेकर दूरसंचार के जानकार सैम पित्रौदा ने आज कहा कि लोगों को राम मंदिर या इतिहास जैसे मुद्दों से आगे बढ़ना चाहिए|

उन्होंने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि आपको ‘न्यायपालिका शिक्षा स्वास्थ्य जैसे मुद्दे पर बात करनी चाहिए काम करना चाहिए’| लेकिन जब मै देखता हूँ| हर जगह, हर बहस में हमेशा राम मंदिर या इतिहास के बारे में चर्चाएँ होती रहती हैं| धर्म की राजनीति हो रही होती है| हर व्यक्ति अतीत की बात करता है, हमें बस अतीत से चिपके रहना पसंद है, जबकि हमें आगे बढ़ने की जरूरत है|

गुजरात वाणिज्य एवं उद्योग मंडल में इनोवेशन पर भाषण में कहा कि वह राष्ट्रीय इनोवेशन परिषद को बंद करने के फैसले से काफी दुखी हुई| उन्होंने कहा की सरकार का ये फैलसा आहत कर देने वाला फैसला है| सैम पित्रोदा ने कहा कि ज़्यादा रोजगार देने में इनोवेशन का बहुत महत्व है लेकिन सरकार को इस महत्त्व को समझने के लिए समझ नहीं है|

पूर्व सरकार और पूर्व प्रधानमंत्री का हवाला देते हुए सैम पित्रोदा ने कहा कि राष्ट्रीय इनोवेशन परिषद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा एक बहुत बड़ा कदम था| इससे रोज़गार बढ़ता लेकिन बीजेपी  सरकार ने इसे बंद कर दिया| हालाँकि मैंने सरकार से इसे न बंद करने की गुज़ारिश भी की लेकिन मेरी बात नहीं मानी गयी| अंततः इसे बंद कर दिया गया| मुझे निराशा हुई क्योंकि हमें अधिक रोजगार के लिए इनोवेशन की जरूरत है|

 

आपको बता दें कि सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है| उन्हें भारत में सूचना क्रांति का जनक मान जाता है. वह यूपीए सरकार के समय में जन सूचना संरचना और नवप्रवर्तन सलाहकार रह चुके हैं|  साल 2005 से 2009 तक सैम पित्रोदा भारतीय ज्ञान आयोग के चेयरमैन थे|

 

शरीफ़ उल्लाह