सैयद इब्राहीम ने सरब्राह टी आर एस के चन्द्र शेखर राव को मुफ़ाद परस्त और धोकाटबाज़ क़रार देते हुए टी आर एस से मुस्ताफ़ी होने और 2014 के आम इंतिख़ाबात में हल्क़ा असेंबली महबूबनगर से मुक़ाबला करने का एलान किया। आज उन्हों ने अपने हामीयों का इजलास तलब किया, जिस में इत्तिफ़ाक़े राय से टी आर एस से मुस्ताफ़ी होने का फ़ैसला किया गया।
बादअज़ां मीडिया से बात-चीत करते हुए उन्हों ने कहा कि अलाहिदा तेलंगाना तहरीक में उन्हों ने अहम रोल अदा किया, महबूबनगर में टी आर एस के इस्तेहकाम के लिए पूरी दियानतदारी से काम किया, अपोज़ीशन का डट कर सामना और कई नुक़्सानात बर्दाश्त किए।
उन्हों ने कहा कि हम ने 2009 के इलावा ज़िमनी इंतिख़ाबात में मुक़ाबला किया और मामूली वोटों से शिकस्त का सामना किया, जब कि मेरी शिकस्त में टी एन जी ओज़ के क़ाइद स्वामी गौड़ ने अहम रोल अदा किया, जिस की शिकायत वो सरब्राह टी आर एस से कर चुके हैं।
लेकिन उन से दूरी बनाए रखना तो दूर की बात, के चन्द्र शेखर राव ने उन्हें इनाम के तौर पर 2014 के इंतिख़ाबात में हल्क़ा असेंबली महबूबनगर से टी आर एस का टिकट देने का एलान किया और अपने इस फ़ैसला से क़ब्ल मुझ से या हल्क़ा असेंबली महबूबनगर के पार्टी कारकुनों से बात-चीत करना भी गवारा नहीं किया।
इलावा अज़ीं मुसलमानों को 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने का वाअदा किया गया था, मगर 12 मुसलमानों को भी असेंबली हल्क़ाजात का इंचार्ज नहीं बनाया गया, इसी लिए वो तेलंगाना के अवाम बिलख़सूस मुसलमानों से अपील करते हैं कि वो टी आर एस और उस के सरब्राह पर हरगिज़ भरोसा ना करें।