सैलाब से बचाने पूरा अस्पताल लेकर बिहार पहुंचा ग्लोबमास्टर तैयारे

नेपाल में सनकोसी नदी के रास्ते में बनी मसनुई झील से धीरे-धीरे पानी का रिसाव हो रहा है। इससे बिहार के कोसी इलाके में सैलाब का खतरा कम हुआ है। लेकिन, यह टला नहीं है। खासकर सुपौल, मधेपुरा और सहरसा पर खतरा बरकरार है। हालांकि मसनुई झील से अचानक पानी का डिस्चार्ज होने से जिस पैमाने पर कहर का अंदाज़ा किया गया था, वैसा खतरा अब नहीं है। इसलिए 6 जिलों में अलर्ट वापस ले लिया गया है। हुकूमत ने एहतियातन सुपौल, सहरसा और मधेपुरा को हाई अलर्ट पर रखा है। इन जिलों में राहत और बचाव काम की तैयारियों में किसी क़िस्म की ढील नहीं दी गई है। भारतीय एयर फोर्स ने सैलाब से निपटने के लिए पहली बार नक़ल व के तय्यारे ग्लोबमास्टर सी-17 को पूर्णिया एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात किया है। तबाही इंतेजामिया महकमा के प्रिन्सिपल सेक्रेटरी व्यासजी ने पीर को बताया कि मरकज़ और नेपाल हुकूमत से मिली ताजा जानकारी की बुनियाद पर कहा जा सकता है कि सैलाब का खतरा कम हुआ है पर टला नहीं है। पीर को तीसरे दिन भी इन जिलों में कोसी के पेट में बसे लोगों की निकालने की कार्रवाई जारी रही। तीनों जिलों में सेना के पांच कालम, एनडीआरएफ की 11 और एसडीआरएफ की एक टीम तैनात है।

सुबह में पानी की सतह बढ़ता है, शाम में घट जाता है

बीते 48 घंटों में देखा गया है कि देर रात कोसी में पानी कम होने के बाद सुबह पानी की सतह बढ़ जाता है। फिर शाम होते कम होने लगता है। पीर सुबह वराह इलाक़े में 1.23 लाख क्यूसेक पानी था जो दिन में बढ़कर 1.26 तक पहुंचा और फिर शाम होते-होते 1.20 लाख पर पहुंच गया। हालांकि वीरपुर बराज पर पानी का दबाव बना हुआ है। वहां 1.57 लाख क्यूसेक पानी है। मसनुई झील के पानी का रिसाव भी कम हो गया है। सुबह 20 हजार क्यूसेक पानी का रिसाव हो रहा था तो शाम में घटकर 15 हजार तक पहुंच गया। हालांकि यहां कितनी मिक़दार में पानी है, इसका सही अंदाज़ा करना मुश्किल है। उधर पानी वसायल महकमा अपने सतह से तटबंधों को दुरुस्त करने में जुटा है।

तैयारे में एक साथ 1200 लोगों के इलाज की सहूलत

भारतीय एयर फोर्स ने सैलाब से निपटने के लिए पहली बार नक़ल व हमल तैयारे ग्लोबमास्टर सी-17 को पूर्णिया एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात किया है। इसमें एक अस्पताल है। तैयारे में एक साथ 1200 लोगों के इलाज की सहूलत है। एक साथ 1,200 लोगों का इलाज किया जा सकता है। इसमें एयर फोर्स के 40 मुलाज़िमीन, पांच डाक्टर और सफदरजंग और राममनोहर लोहिया अस्पताल के 20 डाक्टरों की टीम है। वहीं विशाखापट्नम में इंडियन नेवी आर्मी की 15 गोताखोर टीमों को तैयार रखा गया है।

6 जिलों में लोगों को जबरन निकालने का काम रोका

प्रिन्सिपल सेक्रेटरी ने बताया कि वीरपुर बराज पर कोसी में 1.57 लाख क्यूसेक पानी के बहाव को देखते हुए फिलहाल दरभंगा, मधुबनी, खगड़िया और भागलपुर जिलों से लोगों को जबरन निकालने की कार्रवाई रोक दी गई है। लेकिन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों की तैनाती बरकरार रखने का फैसला लिया गया है। पूर्णिया और अररिया जिलों में भी राहत-बचाव की तैयारियों को मूअतिल किया गया है।

डॉक्टरों की छुट्टियां मंसूख

रियासती हुकूमत ने सैलाब की खदशा को देखते हुए तमाम मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों की छुट्टियां मंसूख कर दी है। सेहत महकमा ने मुतासीर जिलों में 59 डॉक्टरों की तकर्रुरी की है। 20 एंबुलेंस भी भेजे गए हैं।