सैलाब से मुतास्सिरा बिहार, किशनगंज के मुसलमानों के लिए ज़ाहिद अली खान से तआवुन की अपील

हैदराबाद 30 जुलाई: बिहार चुनाव के दौरान रियासत बिहार का ज़िला किशनगंज हल्का असेंबली कूचा दमन ना सिर्फ बिहार बल्के हैदराबाद में भी सुर्ख़ीयों में रहा लेकिन अब जबकि इस हल्का असेंबली के 90 फ़ीसद अवाम बे-घर हो चुके हैं तो इस की इत्तेलाआत कहीं नज़र नहीं आरही है और ना ही उनकी इस पसमांदगी का दर्द किसी को महसूस हो रहा है।

रुकने असेंबली मुजाहिद आलम ने एडिटर रोज़नामा सियासत ज़ाहिद अली ख़ान को एक मकतूब रवाना करते हुए रियासत बिहार के ज़िला किशनगंज में सैलाब मुतास्सिरीन की मदद के लिए आगे आने की अपील की। मुजाहिद आलम ने एडिटर रोज़नामा सियासत से फ़ोन पर तफ़सीली बातचीत करते हुए सैलाब से हुई तबाही के मुताल्लिक़ वाक़िफ़ करवाते हुए कहा कि बिहार के अवाम को मदद दरकार है क्युं कि नेपाल से निकलने वाली नद्दियों में आए सैलाब के सबब बिहार का सरहदी इलाक़ा तबाहकुन सूरत-ए-हाल से गुज़र रहा है।

उन्होंने ज़ाहिद अली ख़ान को रवाना करदा मकतूब में बताया कि महानंदा कनकई रतवा और डाक नदी में आए सैलाब से उनका हल्का असेंबली बुरी तरह मुतास्सिर हुआ है और उनके इलाके में 90 फ़ीसद आबादी बे-घर हो चुकी है। रुकने असेंबली कूचा दमन मुजाहिद आलम ने बताया कि ज़िला किशनगंज में ना सिर्फ घरों को नुक़्सान पहुंचा है बल्के कई जानवर फ़ौत हो चुके हैं। इसी तरह ज़िला में ज़रई सूरत-ए-हाल तबाहकुन हो चुकी है और फ़सलें उजड़ गई हैं। मुस्लिम ग़ालिब आबादी वाले इस ज़िला में सैलाब की तबाही मुतास्सिर अफ़राद गिज़ा-ओ-अदवियात की क़िल्लत से दो-चार हैं।

उन्होंने एडिटर सियासत से अपील की के वो बिहार के पसमांदा मुसलमानों की ख़िदमत के लिए आगे आएं ताकि उन्हें बरवक़्त राहत का सामान मुहय्या करवाया जा सके। मुजाहिद आलम ने फ़ोन पर बातचीत के दौरान कहा कि शहरयान हैदराबाद-ओ-इदारा सियासत की तरफ से मुल्क के किसी भी मुक़ाम पर परेशान हाल मुसलमानों की मदद का रिकार्ड मौजूद है उसी लिए वो उम्मीद करते हैं कि बिहार के पसमांदा इलाक़ों के मुसलमानों की मदद के लिए भी शहरयान हैदराबाद-ओ-इदारा सियासत बरवक़्त इक़दामात करेगा। आफ़ात-ए-समावी की इस मुश्किल घड़ी में बिहार के अवाम को मदद दरकार है लेकिन ताहाल उन्हें कोई मदद नहीं पहुंच पाई है बल्कि मुक़ामी रुकनॆरॆ असेंबली की हैसियत से वो मुम्किना कोशिश कर रहे हैं। ज़ाहिद अली ख़ान ने रुकने असेंबली से तफ़सीली मालूमात हासिल करने के बाद इस बात का यकीन दिया कि बाद अज़ मुशावरत बिहार में राहत कारी कामों के मुताल्लिक़ फ़ैसला किया जाएगा लेकिन फ़ौरी तौर पर मुम्किना इमदाद रवाना करने में कोई ताख़ीर नहीं की जाएगी।