बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इसकी उम्मीद मैंने कभी नहीं की थी कि एनडीए में वापिस जाना पड़ेगा। बिहार के मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया है कि उन्हें स्वयं इसका एहसास नहीं था कि वह एनडीए में वापसी करेंगे।
उनका दावा है कि भाजपा ने उन्हें समर्थन की पेशकश उस समय की थी जब उन्होंने महागठबंधन से अलग होकर पद से इस्तीफा दे दिया था। नीतीश कुमार ने 26 जुलाई को लालू प्रसाद की राजद और कांग्रेस का साथ छोडकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी पार्टी तोड़ने के भी प्रयास किये गए थे। नीतीश कुमार ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में इस बात पर जोर दिया कि सब कुछ ‘जल्दबाजी’ में हुआ।
नीतीश कुमार ने कहा, ‘मेरे इस्तीफा देने के बाद उस दिन जब हमारे पास भाजपा की ओर से पेशकश आयी, मैंने उसे अपने विधायकों के समक्ष रखा जो मेरे अणे मार्ग स्थित आवास पर एकत्रित हुए थे और उन्होंने निर्णय किया कि पेशकश स्वीकार कर लेनी चाहिए।’
उन्होंने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी दलों के विधायक तत्काल जदयू विधायकों के साथ बैठक में शामिल हुए जहां उन्हें उनके संयुक्त विधायक दल का नेता चुन लिया गया और उसके बाद उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दावा किया कि त्वरित गति से होने से वाले घटनाक्रम के बिहार में एक राजनीतिक उथल पुथल में तब्दील होने से पहले ‘पर्दे के पीछे एक खेल चल रहा था’ जिसमें जदयू विधायकों को तोड़ने के लिए ‘ ‘फुसलाया ‘ ‘ जा रहा था।