पटना, 31 जनवरी: मुल्क से करप्शन को जड़ से मिटाने को लेकर यूपीए हुकूमत की अज़्म पर सवाल उठाते हुए सामाजी कारकुन अन्ना हजारे ने कहा कि मजबूत लोकपाल बिल लाने में वज़ीर ए आज़म मनमोहन सिंह और कांग्रेस सदर सोनिया गांधी पर यकीन नहीं कर सकते।
हजारे ने कहा, ‘पीएम और सोनिया गांधी दोनों ही इस बात को लेकर यकीन नहीं किया जा सकता कि वह करप्शन को खत्म करने के लिए मजबूत लोकपाल बिल लाएंगे। अगर वह सच में ही इतने अज़्म होते, तो पिछले दो साल में इस मुद्दे पर कुछ मजबूत फैसले लिए जाते।’
काबीना की तरफ पास किए गए लोकपाल बिल को एक स्वांग बताते हुए अन्ना ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस सदर को जवाबी खत लिखते हुए पूछा था कि क्या मौजूज़ह बिल मजबूत है या नहीं और सीबीआई व सीवीसी जैसी तंज़ीमों को हुकूमत के कंट्रोल से अलग रखा गया है या नहीं। मगर उन्होंने इस खत का कोई जवाब नहीं दिया। अन्ना ने कहा कि हुकूमत लोगों को बेवकूफ बनाने में लगी हुई है। अगर हुकूमत कमजोर लोकपाल बिल लाने की कोशिश करेगी, तो हम उनके खिलाफ एहतिजाज करेंगे।
पटना में ‘जनतंत्र मोर्चा’ मुनाकिद करने वाले अन्ना ने कहा कि सिस्टम को बदलने के लिए मुल्क भर में दौरा करेंगे। वह आंध्र प्रदेश और कर्नाटक समेत चार रीयासतों में आम जलसों का इंइकाद करेंगे। पिछले कुछ वक्त में मुंबई में बिहारियों पर हुए हमलों के बारे में उन्होंने कहा कि इस तरह के वाकिया की मुज़म्मत करनी चाहिए और उन्होंने कभी भी बिहारी-विरोधी मुहिम की ताइद नही की
मुम्किना पीएम के बारे में अन्ना ने कहा कि कोई भी वज़ीर ए आज़म बन सकता है, इससे क्या फर्क पड़ जाएगा? इस मुल्क ने पिछले 65 सालो में बहुत से वज़ीर ए आज़म देखे हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।