अमेरिका की एक वक़ाफी अदालत ने कांग्रेस सदर सोनिया गांधी के खिलाफ समन जारी किया है। यह समन एक सिख ग्रुप की दरखास्त पर जारी किया गया है जिसमें उन पर इल्ज़ाम लगाया गया है कि वह साल 1984 के सिख मुखालिफ दंगों में शामिल मुल्ज़िम पार्टी लीडरों का बचाव कर रही हैं। एक वकील ने यह इत्तेला दी।
शहर के ईस्टर्न डिस्ट्रिक कोर्ट में मंगल को अमेरिकी इंसानी हुकूक ग्रुप सिख फॉर जस्टिस [एसएफजे] और 1984 दंगा के मुतास्सिरों ने दरखास्त दाखिल कर सोनिया गांधी के खिलाफ मुआवज़ा और तादीबी कार्रवाई की मांग की है। एसएफजे के वकील गुरपतवंत सिंह पन्नन ने बताया कि वकाफी नियमों के तहत सोनिया गांधी को समन तामील कराने के लिए 120 दिनों का वक्त है।
सोनिया इन दिनों जांच के लिए अमेरिका में हैं। एलियन टॉर्ट क्लेम्स एक्ट (एटीसीए) और टॉर्चर विक्टिम प्रोटेक्शन एक्ट (टीवीपीए) के तहत दाखिल इस दरखास्त में सोनिया पर साल 1984 के सिख मुखालिफ दंगों में मुल्ज़िम कमलनाथ, सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर और दिगर कांग्रेस लीडरों को बचाने का इल्ज़ाम लगाया गया है।
सोनिया के खिलाफ दाखिल 27 पन्नों की शिकायत में कहा गया है कि एक से चार नवंबर, 1984 के दौरान सिख कम्युनिटी के 30 हजार लोगों को टार्चर किया गया, और कत्ल किए गये। ये सब कुछ रूलिंग कांग्रेस पार्टी की तरफ से कराया गया था।