सोनिया गांधी पर दंगों का केस खारिज

कांग्रेस सदर सोनिया गांधी को अमेरिका की एक अदालत से बड़ी राहत मिली है। सिख ग्रुप की तरफ से सोनिया गांधी के खिलाफ अदालत में दायर 1984 के सिख मुखालिफ दंगों में इंसानी हुकूक की खिलाफवर्जी से जुडे एक मुकदम को खारिज कर दिया है। अदालत ने मुकदमा खारिज करते हुए कहा, यह वाकिया गैर मुल्क की ज़मीन पर हुआ था इसलिए अमेरिका का उससे कोई लेना देना नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि सिख ग्रुप के पास ऐसा मुकदमा दायर करने को लेकर कोई कानूनी बुनियाद नहीं है। और जो मामले अमेरिका से जुड़े या उसकी फिक्र का मौजू नहीं हैं, उनकी सुनवाई अमेरिकी अदालत में नहीं होगी। जज राबर्ट स्वीट ने पीर के रोज़ को अपने हुक्मनामे में कहा कि एसएफजे यह साबित करने में नाकाम रहा कि यह मामला अमेरिका से जुड़ा या उसके फिक्र का मौजू है।

उन्होंने कहा कि दिगर किसी तरमीम की इज़ाज़त नहीं है और मामला खारिज किया जाता है। सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने सोनिया गांधी के खिलाफ यह मुकदमा दायर किया था। इसमें इल्ज़ाम लगाया गया था कि इंदिरा गांधी के कत्ल के बाद कांग्रेस ने हुजूम को सिखों के कत्ल के लिए उकसाया था। सोनिया गांधी ने सिखों के कत्ल के लिए हुजुम को उकसाने वाले पार्टी के लीडरों को बचाने का काम किया था। 1984 में दो सिख सेक्युरिटी गार्ड ने इंदिरा गांधी काम् कत्ल कर दिया था । एसएफजे ने कहा है कि वह फैसले को चैलेंज देगा।

एसएफजे ने सोनिया गांधी पर साजिश रचने, दंगाइयों को उकसाने और उनकी मदद करने का इल्ज़ाम लगाया था। फेडरल जज रॉबर्ट स्वीट्स ने कहा,अमेरिका की ज़मीन पर कांग्रेस के खिलाफ केस करने के लिए सिख ग्रुप के पास कोई कानूनी हक नहीं है। कोई बाहरी ही इस तरह का केस दर्ज करा सकता है। कांग्रेस ने तीन दहा पुराने मामले से जुड़े केस में फैसला करने के अमेरिकी अदालत के दायरा इख्तेयार को चैलेंज दिया था ।