नई दिल्ली, ०३ अक्टूबर (पी टी आई) बी जे पी ने आज इल्ज़ाम आइद किया (आरोप लगाया) कि कांग्रेस, पार्टी की सदर ( अध्यक्ष) सोनीया गांधी के बैरूनी ( विदेशी) दौरा और ईलाज के लिए सरकारी ख़ज़ाना से अदा किए जाने वाले मसारिफ़ ( खर्चें) का वाज़िह (स्पष्ट) तौर पर इन्किशाफ़ ( ज़ाहिर) करने के बजाय ये कहते हुए इस मसला ( समस्या) से तवज्जा ( ध्यान) हटाने की कोशिश कर रही है कि अपोज़ीशन जमातें (विपक्ष की पार्टी) इन (सोनीया गांधी) की सेहत के मसाइल ( समस्याओं) को मौज़ू (विषय) बना रही हैं।
बी जे पी की तर्जुमान निर्मला सीतारामन ने कहा कि हम कांग्रेस पार्टी के अंदाज़ फ़िक्र और तरीका-ए-कार की मुज़म्मत (निंदा) करते हैं जो इन मसाइल को उठाते हुए अवाम की तवज्जा हटाने की कोशिश कर रही है, जिन्हें गुजरात के चीफ़ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी ने नहीं उठाया था।
निर्मला सीतारामन ने कहा कि उन्होंने (मोदी) सोनीया गांधी के बैरूनी ( विदेशी) दौरों और ईलाज के मसारिफ़ ( खर्चे) सरकारी ख़ज़ाना से अदा किए जाने वाले का ज़राए इबलाग़ ( मीडिया) की इत्तिलाआत की बुनियाद पर हवाला दिया था। अगर आप (कांग्रेस) को वाक़ई उन सवालात का जवाब देने से दिलचस्पी है तो आप वाज़िह कर सकते हैं कि कितनी रक़ूमात ख़र्च की गई हैं।
मोदी ने गुज़श्ता रोज़ इल्ज़ाम आइद किया ( आरोप लगाया) था कि मीडीया रिपोर्टस के मुताबिक़ सोनीया गांधी के बैरूनी ( विदेशी) दौरों और ईलाज पर 1,880 करोड़ रुपय ख़र्च किए गए हैं, जिस के चंद घंटों बाद उन्होंने (मोदी) ये पेशकश भी की थी कि अगर उन के इल्ज़ामात ग़लत पाए जाते हैं तो वो माज़रत ख़्वाही ( क्षमा याचना/ माफी मांगने) के लिए तैयार हैं।
बी जे पी की ख़ातून तर्जुमान ने अख़बारी नुमाइंदों से कहा कि अगर 1,880 करोड़ रुपय ख़र्च नहीं हुए तो बताया जाय कि फिर कितनी रक़म ख़र्च हुई है। अगर सरकारी ख़ज़ाना से मसारिफ़ ( खर्चे) अदा नहीं किए गए हैं तो इस की वज़ाहत (विवरण/Description) की जाय। आख़िर क्या बात है जो आप (कांग्रेस) को सही जवाब देने से रोक रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मसला पर वज़ाहत ( विवरण) करने के बजाय तवज्जा ( ध्यान) हटाने के हरबे इस्तेमाल करने पर उतर आई है ताकि उन सवालात का जवाब देने से गुरेज़ किया जा सके। बी जे पी तर्जुमान ( Spokesperson) ने कहा कि मिसिज़ सोनीया गांधी की सेहत के लिए हम भी नेक तमन्नाएं रखते हैं लेकिन अगर सरकारी ख़ज़ाना से उन के बैरूनी सफ़र और ईलाज के मसारिफ़ ( खर्चे) अदा किए गए हैं तो बराए मेहरबानी उस की वज़ाहत कीजिए।
कांग्रेस ने मोदी के इस इल्ज़ाम को झूट का पलंदा क़रार देते हुए मुस्तर्द ( निरस्त/ रद्द) कर दिया और इस बात पर अफ़सोस का इज़हार किया कि गुजरात के चीफ़ मिनिस्टर दरोग़ गोई ( झूट बोलने) पर उतर आए हैं और हिसार (उल्लंघन/ Breached) में सरगर्म आर टी आई जहदकार रमेश शर्मा के इन्किशाफ़ात ( ज़ाहिर होने) के बाद इन (मोदी) की दरोग़ गोई ( झूट) बेनकाब हो गई है।