सोनीया गांधी का मश्वरा

सूरजकुंड, १० नवंबर ( एजेंसी) सदर कांग्रेस सोनीया गांधी ने पार्टी क़ाइदीन 2014 के आम इंतिख़ाबात के लिए अभी से होशियार रहने और तैयार रहने की तलक़ीन शुरू कर दी है । उन्होंने तमाम (यद्वपि) कांग्रेसी वुज़रा को ख़ुसूसी हिदायत दी है कि उन्होंने 2009 के इंतिख़ाबात के दौरान अपने इंतिख़ाबी मंशूर (अस्त व्यस्त) में जो वायदे किए थे उन की तकमील करने में ताख़ीर ( देरी) ना करें ।

पार्टी के जायज़ा इजलास में अपनी तक़रीर के आग़ाज़ में ही उन्होंने वुज़रा को याददेहानी करवाई कि हुकूमत के अहम ओहदों पर फ़ाइज़ रहते हुए 2009 के अपने इंतिख़ाबी मंशूर के वादों को फ़रामोश ना करें और अगर कोई वायदा बाकी/ अधूरा रह गया है तो उसकी तकमील को अव्वलीन तर्जीह दें।

सोनीया गांधी इस बात की ख़ाहां है कि फ़लाह-ओ-बहबूदी इस्कीमात पर मयस्सर अमल आवरी ( Implementation) के लिए क़ाइदीन उन्हें वक़तन फ़वक़तन अपने मश्वरों से नवाज़ें ताकि फ़लाही कामों में मज़ीद बेहतरी पैदा की जा सके । उन्होंने वुज़रा से कहा कि वो पार्टी क़ाइदीन के साथ ज़्यादा से ज़्यादा काम करें ताकि फ़लाही प्रोग्रामों के इतलाक़ पर तवाज़ुन (संतुलन) बरक़रार रखा जा सके ।

सोनीया गांधी ने अपनी तक़रीर के दौरान कहा कि कभी कभी पार्टी क़ाइदीन ग़ैर मुतमईन होते हैं क्योंकि वुज़रा उन की तजावीज़ या मश्वरों पर कोई तवज्जा नहीं देते लिहाज़ा ज़रूरत इस बात की है कि पार्टी क़ाइदीन और वुज़रा के माबैन ( बीच) मुसलसल रब्त बना रहे और तबादला-ए-ख़्याल का सललसा भी चलता रहे ।

उन्होंने वुज़रा को मश्वरा दिया कि जब जब वो किसी रियासत का दौरा करें ख़ुसूसी तौर पर अपोज़ीशन की हुकूमत वाली रियासत के दौरा के मौक़ा पर उन्हें पार्टी दफ़्तर और पार्टी की दीगर छोटी मोटी तक़रीबात में भी शिरकत करनी चाहीए । पार्टी दफ़्तर में भी काबिल लिहाज़ वक़्त गुज़ारने की ज़रूरत है ।

उन्होंने कहा कि रीटेल में एफडीआई के मुआमला पर हुकूमत को कुछ मुश्किल फ़ैसले करने पड़े और उन की वज़ाहत अवाम के सामने ज़रूर की जाएगी । उन्होंने कहा कि आइन्दा लोक सभा इंतिख़ाबात को ढेढ़ साल का अर्सा बाक़ी है और हमें चैलेंज का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा ।