अहमदाबाद, १९ सितंबर ( पी टी आई) गुजरात हाईकोर्ट में मफ़ाद-ए-आम्मा (जन कल्याण) की एक दरख़ास्त का इदख़ाल (जमा) हुआ है जहां मर्कज़ी हुकूमत के इन इश्तेहारों को मस्दूद (बंद ) करने का मुतालिबा किया गया है जिन में यू पी ए सदर नशीन सोनीया गांधी की तसावीर ( तस्वीरों) का इस्तेमाल किया जाता है ।
हालाँकि वो मुल्क के किसी भी आईनी ( कानूनी) ओहदा पर फ़ाइज़ नहीं हैं । दरख़ास्त गुज़ार धावल शाह जो अहमदाबाद का साकिन (निवासी/ रहने वाला) है ने अपनी दरख़ास्त के ज़रीया अदालत से ख़ाहिश की है कि वो वज़ारत इत्तिलाआत-ओ-नशरियात और वज़ारत आदाद-ओ-शुमार-ओ-प्रोग्राम इम्पलीमनटीशन (ministry of statistics and programme implementation) को ये हिदायत दे कि इंतिख़ाबात ( चुनाव) से क़बल इन इस्तेहारात की तशहीर (अपमान) और टेली कास्ट (सीधा प्रसारण) को रोक दिया जाय जिन में सोनीया गांधी की तसावीर ( तस्वीरों) का इस्तेमाल किया गया है ।