नई दिल्ली, ०६ अक्तूबर (पी टी आई) हुकूमत ने आज कहा कि इस ने यू पी ए की सदर नशीन सोनीया गांधी के ईलाज के लिए बैरूनी ( विदेशी) दौरों पर कोई रक़म ख़र्च नहीं की और मुतालिबा किया कि चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी को हुकूमत पर इन दौरों के लिए 1880 करोड़ रुपय ख़र्च करने के इल्ज़ाम पर माज़रत ख़्वाही करनी ( मांफी मांगनी) चाहीए।
कांग्रेस के कोर ग्रुप के इजलास में जिस की सरबराह सोनीया गांधी हैं और जिस में वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह और दीगर चंद सीनीयर क़ाइदीन ( नेता) शरीक थे, ये मसला मौज़ू गुफ़्तगु बना था। वज़ीर-ए-आज़म के दफ़्तर ने अपने ब्यान में कहा कि बाअज़ गोशों के हवाले से ज़राए इबलाग़ ( मीडिया) में ये ख़बर शाय ( प्रकाशित) की गई है कि सरकारी खज़ाने से सदर नशीन यू पी ए के बैरूनी दौरों पर रक़म ख़र्च करने की वज़ीर-ए-आज़म के दफ़्तर को भी इत्तिला ( खबर/ सूचना) थी।
ब्यान में मोदी का नाम लिए बगै़र कहा गया है कि ऐसे बेबुनियाद इल्ज़ामात आइद करने ( आरोप लगाने) वालों को माज़रत ख़्वाही करनी चाहीए। गुज़श्ता 8 साल के दौरान बेल्जियम का सिर्फ एक दौरा इस मुल्क का क़ौमी एज़ाज़ ( राष्ट्रीय सम्मान) हासिल करने के लिए हिंदूस्तानी कौंसल बराए सक़ाफ़्ती ताल्लुक़ात ने किया था, जिसका ख़र्च सिर्फ तीन लाख रुपय हुआ था।
हुकूमत ने सदर नशीन यू पी ए के अंदरून-ए-मुल्क या बैरून-ए-मुल्क ईलाज पर कोई ख़र्च नहीं किया। इस ब्यान पर रद्द-ए-अमल ( प्रतिक्रिया) ज़ाहिर करते हुए नरेंद्र मोदी ने इल्ज़ाम आइद किया कि इस मसला पर वज़ीर-ए-आज़म मुल्क को गुमराह कर रहे हैं। चिदम़्बरम ने इजलास में मोदी से बेबुनियाद इल्ज़ाम पर माज़रत ख़्वाही का मुतालिबा किया। मोदी का इल्ज़ाम दफ़्तर वज़ीर-ए-आज़म के ब्यान के इजरा ( ज़ारी) के बाद मंज़रे आम पर आया है।