सोनीया गांधी ने मुलाक़ात का वक़्त नहीं दिया: संगमा

सदर जमहूरीया की इंतिख़ाबी दौड़ में शामिल पी ए संगमा ने आज एक अहम ब्यान देते हुए कहा कि पार्टी वफ़ादारियों से क़ता नज़र तमाम कबायली क़ाइदीन ( tribal leader) की उन्हें ताईद ( समर्थन) हासिल है।

उन्होंने कांग्रेस को तन्क़ीद का निशाना बनाया कि पार्टी ने कई दहों तक कबायलियों ( जनजातीय/ tribal) की ताईद (समर्थन) हासिल की। इस के बावजूद उन की (संगमा) सदारती उम्मीदवारी की कोई हिमायत नहीं की जो अफ़सोसनाक बात है। उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि वो सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि हिंदूस्तान भर के कबायली ( जनजातीय) हमेशा से कांग्रेस की ताईद में रहे और हमें तवक़्क़ो ( उम्मीद) थी कि इस बार कांग्रेस सदर जमहूरीया के ओहदा ( राष्ट्रपती पद ) के लिए किसी कबायली क़ाइद ( लीडर) की ताईद करेगी।

लेकिन अफ़सोस ऐसा नहीं हुआ। यही नहीं बल्कि जब उन्हों ने सोनीया गांधी से मुलाक़ात के लिए एपाइंटमेंट ( Appointment) तलब किया तो तीन दिनों के इंteeज़ार के बावजूद मुलाक़ात का मौक़ा नहीं दिया गया। उन्होंने कहाकि ट्राइबल फ़ोर्म आफ़ इंडिया ( Tribal forum of India) की अपील पर कई सयासी जमातों ने ताईद (समर्थन) का ऐलान किया है लेकिन हिंदूस्तान की आज़म तरीन और क़दीम तरीन सयासी पार्टी यानी कांग्रेस जिस के साथ कबायलियों ( जनजातियों) ने हमेशा वफ़ादारी निभाई, संगमा की ताईद नहीं की जिस के मुज़िर (नुकसानदेह) असरात जल्द ही कांग्रेस के सामने आयेंगे।

लोक सभा के साबिक़ ( पूर्व अध्यक्ष) स्पीकर ने मज़ीद कहा कि हिंदूस्तान के कबायली अफ़राद ( जनजातीय) आज मुकम्मल तौर पर मुत्तहिद ( एक) हैं और मुस्तक़बिल ( भविष्य/ Future) में भी वो (कबायली) ऐसे इत्तिहाद का मुज़ाहरा (प्रदर्शन) करेंगे जैसा पहले कभी नहीं किया गया।

संगमा ने एम पीज और एम एल एज़ से भी अपील की कि वो अपने ज़मीर की आवाज़ पर वोट दें। उन्होंने कहा कि उन की ताईद में क्रास वोटिंग भी होगी। कबायली फ़िर्क़ा के लिए ये एक काबिल फ़ख़र बात है और उनके इत्तिहाद (एकता) की जीत है कि एक कबायली क़ाइद ( लीडर) ने सदर जमहूरीया ( राष्ट्रपती) के लिए अपने काग़ज़ात-ए-नामज़दगी का इदख़ाल किया।