मर्कज़ वज़ीर-ए-सनअत-ओ-तिजारत निर्मला सीता रामन ने कहा कि हुकूमत सोने की दरआमदात पर आइद शूदा पाबंदी में नरमी पैदा करने का फ़ैसला इस मसला का तफ़सीली जायज़ा लेने के बाद ही करेगी।
निर्मला ने यहां अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि सोने की भारी दरआमदात का तिजारती तवाज़ुन पर बहुत गहिरा असर होता है अदाईआत का तवाज़ुन भी असरअंदाज़ होता है।
चंद तिजारती हलक़े बरामदात पर इमतिना के हामी है तो दूसरे इन पाबंदीयों के मुख़ालिफ़ हैं। बहरहाल सोने की दरआमदात पर आइद शूदा पाबंदीयों में नरमी पैदा करने के किसी भी फ़ैसले के पहले इस मसले का तफ़सीली तौर पर जायज़ा लिया जाएगा।
हुकूमत ने 2013 के दौरान सोने की दरआमदात पर पाबंदी आइद की थी और फ़ी दस ग्राम सोने की दरआमद पर दो फ़ीसद महसूल आइद किया था। रवां खाते के ख़सारे पर कंट्रोल के लिए 80:20 स्कीम नाफ़िज़ की थी। इस के बावजूद सितंबर 2014 के दौरान सोने की दरआमदात कई गुना इज़ाफे के साथ 3.75 बिलीयन अमरीकी डालर तक पहूंच गई थीं जो सितंबर 2013 में सिर्फ़ 682.5 मिलियन अमरीकी डालर थी। जिस के नतीजे में मजमूआ तिजारती ख़सारा 14.2 बिलीयन अमरीकी डालर तक पहूंच गया था जो पिछ्ले 18 माह के दौरान सब से ज़्यादा था।