सोने की बरामदात पर क़ाबू पाने इक़दामात : चिदम़्बरम

नई दिल्ली। 2 जनवरी : सोने की बरामदात में इज़ाफे पर तशवीश ज़ाहिर करते हुए और जारीया बढ़ते ख़सारा को मद्द-ए-नज़र रखते हुए वज़ीर फ़ीनानस चिदम़्बरम ने आज कहा कि हुकूमत इस क़ीमती धात की बरामदात को रोकने के लिए मुख़्तलिफ़ इक़दामात पर ग़ौर कररही है।

सोने की क़ीमत में इज़ाफ़ा और बाअज़ औक़ात क़ीमतों में तवाज़ुन बरक़रार ना रहने से मालीयाती मसाइल पैदा होरहे हैं। उन्होंने यहां अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि सोने की तलब को औसत दर्जे पर लाना ज़रूरी है। हुकूमत के पास इस से हट कर कोई रास्ता नहीं है कि वो सोने की बरामदात पर क़ाबू पाए।

जारीया मालीयाती ख़सारा बढ़ता जा रहा है। बरामदात और दरआमदात के दरमियान फ़र्क़ पैदा होने से भी ख़सारा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सोने की क़ीमत के ज़रीये होने वाली अदायगीयाँ 38.7 बिलीयन डॉलर्स तक पहुंच गई हैं जो अंदरून-ए-मुल्क पैदावार का 4.5 फ़ीसद हैं।

उसकी वजह से सोने की बरामदात में इज़ाफ़ा हुआ और ये निशाना 20.25 मिलियन डॉलर्स तक पहुंच गया है। हमारा मुल्क इस तरह की सोने की बरामदात का मुतहम्मिल नहीं होसकता, क्योंकि मुल्क में पहले ही ख़ातिरख़वाह सोना मौजूद है।