आलमी क़ाइदीन ने इत्तिफ़ाक़ किया है कि सोमालीया में दहश्तगर्दी, सियासी अदम इस्तिहकाम और क़ज़्ज़ाक़ी पर क़ाबू पाने के लिए उस की मदद की जाएगी। बर्तानवी ज़राए अबलाग़ के मुताबिक़ यहां मुनाक़िदा एक इजलास में सात नोकाती मुसव्वदे पर इत्तिफ़ाक़ किया गया और अज़म किया गया कि सोमालीया में इंसानी इमदाद में इज़ाफ़ा किया जाएगा।
अफ़्रीक़ी यूनीयन के अमन रज़ाकारों की मदद की जाएगी और इस सिलसिले में बैन-उल-अक़वामी रब्त को बेहतर बनाया जाएगा। अमरीकी वज़ीर-ए- ख़ारिजा हेलारी क्लिन्टन ने कहा दुनिया को चाहीए कि वो इस्लामी शिद्दत पसंद गिरोह अलशबाब को भागने पर मजबूर करदे। 20 साला ख़ानाजंगी के बाइस सोमालीया में अब कोई बाज़ाबता हुकूमत नहीं है। मौजूदा उबूरी हुकूमत का बराह-ए-रास्त तसल्लुत सिर्फ़ दार-उल-हकूमत मोगा दिशो तक ही महदूद है जहां अफ़्रीक़ी यूनीयन के 12000 रज़ाकार मौजूद हैं।
दूसरी जानिब शिद्दत पसंद तंज़ीम अलशबाब का तसल्लुत मुल्क के बेशतर इलाक़ों तक फैला हुवा है और इस तंज़ीम ने हाल ही में अलक़ायदा से गठजोड़ कर लिया है। क्लिन्टन ने अलशबाब के साथ बातचीत के इमकान को नज़र अंदाज कर दिया और कहा कि इस का अलक़ायदा के साथ मिल जाने से ज़ाहिर होता है कि ये तंज़ीम अमन, इस्तिहकाम या सोमाली अवाम के हक़ में नहीं है।
ताहम जो कोई भी तशद्दुद को तर्क करे और अमन के लिए तैय्यार हो इस से बातचीत की जा सकती है। इजलास की सरबराही करते हुए बर्तानवी वज़ीर-ए-आज़म डेविड कैमरोन ने कहा कि सोमालीया के मुस्तक़बिल के लिए मख़लूत हुकूमत (कोलिशनगवर्मेंट) का क़ियाम इंतिहाई ज़रूरी है जो अफ़्रीक़ी यूनीयन के साथ मिल कर फ़ौजी कार्रवाई कर सके।
लंदन में होने वाले इस इजलास में पचपन ममालिक के मंदूबीन ने शिरकत की और इजलास के बाद जारी किए जाने वाले बाज़ाबता ब्यान में कहा गया कि अगस्त तक सोमालीया की उबूरी हुकूमत इक़तिदार की मुंतक़ली मख़लूत हुकूमत को करेगी।