सोमाली समुंद्री लुटेरों के क़बज़े में 13 जहाज़ और 235 लोग‌ यरग़माल

लाहौर /फरवरी 2012 में सोमालीया पर लंदन कान्फ़्रैंस के बाद ग़ुर्बत और इफ़लास का शिकार इस अफ़्रीक़ी मुलक के लिए इंसानी बुनियादों पर मदद में बढावे का अह्द किया गया, जबकि इस्तंबोल में मुनाक़िदा कान्फ़्रैंस में समुंद्री लुटेरों की पनाहगाह इस मुल्क में मसले का सियासी हल किया जाएगा अब मुत्तहदा अरब इमारात ने समुंद्री लुटेरों के ख़िलाफ़ उठने वाली आवाज़ में अमली तौर पर अपना हिस्सा बटाते हुए बैन-उल-अक़वामी जहाज़रानी को सोमाली समुंद्री लुटेरों से बचाने के लिए क़ायम इंटरनैशनल फ़ंड के लिए एक मिलयन‌ डॉलर देने का एलान किया है जबकि इस मक़सद के लिए सालाना लगभग‌ 12 अरब डॉलर्स दरकार होंगे ,

जनवरी 2010 में अपने क़ियाम के बाद इस ट्रस्ट फ़ंड 14 मिल‌यन डॉलर जमा हो चुके हैं, जिस में से 10.3 मिल‌यन डॉलर तक़सीम किए जा चुके हैं, दुबई में पिछ्ले बुधवार‌ को मुत्तहदा अरब इमारात के नायब हुक्मराँ शेख़ मकतूम बिन मुहम्मद बिन राशिद अलमकतुम ने दूसरी बैन-उल-अक़वामी इंसिदाद क़ज़्ज़ाक़ी कान्फ़्रैंस का इफ़्तिताह किया जिस में बताया गया कि अब भी सोमाली क़ज़्ज़ाक़ों ने 235 लोगों को यरग़माल बना रखा है , जो अपनी रिहाई के लिए मुताल्लिक़ा जहाज़रां कंपनीयों की तरफ‌ से तावान की रक़म अदा किए जाने के मुंतज़िर हैं, जबकि 13 जहाज़ भी क़ज़्ज़ाक़ों के क़बज़े में हि हैं कान्फ़्रैंस में बताया गया कि बहर-ए-अहमर , ख़लीज-ए-अदन और मग़रिबी बहर-ए-हिंद की मसरूफ़ समुंद्री गुज़र गाहैं इन क़ज़्ज़ाक़ों की ज़द में हैं, ताहम 2009 में क़ज़्ज़ाक़ी की वारदातें 28 फ़ीसद से कम हो कर पिछ्ले साल तक 14 फ़ीसद रह गईं।