सोमाली क़ज़्ज़ाक़ों के ख़िलाफ़ पहली ज़मीनी कार्रवाई

एक बैन-उल-अक़वामी बहरी ( अंतर्राष्ट्रीय समुद्रिक) फ़ोर्स ने सोमाली क़ज़्ज़ाक़ों के ख़ुश्की पर मौजूद ठिकानों को निशाना बनाया है। क़ज़्ज़ाक़ों के हमलों को महिदूद ( सीमित) करने के लिए ये अपनी नौईयत की पहली कार्रवाई है। योरपी यूनीयन के बहरी मिशन के एक तर्जुमान ने कहा कि बहरीया के हेलीकाप्टर ने ऑप्रेशन की इंतिहाई ( अत्यधिक) एहतियात ( सावधानी) से की जाने वाली मंसूबा बंदी के तहत क़ज़्ज़ाक़ों की कश्तीयों को निशाना बनाया है, ये ऑप्रेशन सोमालीया के इलाक़े ग़ुलामू डग में किया गया।

मग़रिबी दिफ़ाई इत्तेहाद नाटो और योरपी यूनीयन की तरफ़ से क़ज़्ज़ाक़ों के ख़िलाफ़ कार्यवाहीयां अनटलानटा मिशन के तहत 2008 से जारी हैं, ताहम अफ़्रीक़ा में बहरी क़ज़्ज़ाक़ों की सरकूबी के लिए जारी मिशन में तौसीअ ( छान बीन) का फ़ैसला रवां बरस मार्च में किया गया। बहरी क़ज़्ज़ाक़ों ने अपने अड्डे सयासी इंतिशार के शिकार सोमालीया में क़ायम कर रखे हैं और वहां से क़ज़्ज़ाक़ी का नफ़ा बख़श कारोबार जारी रखे हुए हैं।

मार्च में होने वाले फ़ैसले के बाद इन क़ज़्ज़ाक़ों से समुंद्र के इलावा ख़ुशकी पर भी निमटा जाएगा लेकिन सिर्फ साहिल समुंद्र से ज़्यादा से ज़्यादा दो हज़ार मीटर के अंदर और वो भी सिर्फ और सिर्फ फ़िज़ा से। योरपी यूनीयन के बहरीया मिशन के तर्जुमान एडमिरल डोनकान पोटस ने कहा कि हमें यक़ीन है कि हमारी इन कोशिशों से क़ज़्ज़ाक़ों पर दबाओ बढ़ेगा और उन की कार्रवाई में मज़ीद कमी वाके ( जरूर) होगी।

सोमाली क़ज़्ज़ाक़ों की तरफ़ से बहरी जहाज़ों को अमले समेत अग़वा कर लिया जाता है और उन की रिहाई के बदले भारी तावान का मुतालिबा किया जाता है। योरपी यूनीयन के आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़ उस वक़्त क़ज़्ज़ाक़ों ने आठ बहरी जहाज़ और उन के अमले के 235 अरकान को यरग़माल ( बन्दी) बना रखा है।

अमेरीकी बहरीया के मुताबिक़ 2011 में क़ज़्ज़ाक़ों की कार्यवाईयों में दुनिया को 7 बिलीयन डालर का नुक़्सान उठाना पड़ा है। बर्तानिया की अर्थ फ्यूचर फ़ाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक़ 2006 के बाद से 2011 तक बहरी क़ज़्ज़ाक़ों की तरफ़ से लूट मार की 1600 से ज़ाइद कार्यवाहीयां की गईं, जिन में 54 से ज़ाइद अफ़राद हलाक हुए। इस रिपोर्ट के मुताबिक़ चोरी और हाई जैकीइंग की 95 फ़ीसद कार्यवाईयों का ज़िम्मेदार सोमाली क़ज़ाक़ोन को तसव्वुर किया जाता है।

बहरी ( समुद्रिक़) जहाज़ों के अग़वा का सिलसिला 2005 में सोमालीया के साहिलों से हुआ था और इस के बाद से अब तक गहरे पानीयों में इनकी ये कार्यवाहीयां जारी हैं |