सोला दहशदगर्दों को सज़ा-ए-मौत सुनाई जाए

सऊदी अरब में वकलाए इस्तिग़ासा ने सोला अफ़राद को मुल्क के मशरिक़ में शीया अक़लीयती आबादी वाले इलाक़े में, जहां चंद साल पहले शदीद बदअमनी फैली थी, दहशद गर्दाना जराइम के इल्ज़ाम में सज़ा-ए-मौत सुनाए जाने का मुतालिबा कर दिया है।

सऊदी दारुल हुकूमत रियाज़ से जुमेरात बाईस अक्तूबर को मौसूला न्यूज़ एजेंसी ए एफ़ पी की रिपोर्टों में बताया गया है कि जिस मुक़द्दमे में इन 16 मुल्ज़िमान पर दहशदगर्दी के इल्ज़ाम लगाते हुए उनके लिए मौत की सज़ा का मुतालिबा किया गया है, इस में मुल्ज़िमान की मजमूई तादाद दो दर्जन बनती है।

उनमें से तीन ऐसे मुल्ज़िमान हैं, जिनके नाम 23 अफ़राद पर मुश्तमिल इस फ़ेहरिस्त में भी शामिल थे, जिन पर मुल्क में इस्लाहात के हक़ में किए जाने वाले मुज़ाहिरों के सिलसिले में फ़र्दे जुर्म आइद की गई थी। मशरिक़ी सऊदी अरब में ये एहतेजाजी मुज़ाहिरे 2011 के अवाइल में शुरू हुए थे।