सोहराबुद्दीन एनकाउंटर : CBI अदालत के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील

सोहराबुद्दीन शेख-तुलसी एनकांउटर केस में हाईकोर्ट में अपील, सोहराबुद्दीन के भाई रुबाबुद्दीन ने की अपील, मुंबई सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ मुंबई हाईकोर्ट में की अपील, सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने कर दिया था सभी आरोपियों को बरी, 21 दिसंबर 2018 को किया था बरी, बरी होने वालो में 21 पुलिसकर्मियों सहित हैं कुल 22 आरोपी

बता दें कि इस मामले में मुंबई स्थित सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 13 साल बाद फैसला दिया था। अपने फैसले में अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी 22 आरोपियों को बरी कर दिया था। फैसले में अदालत ने कहा था कि पेश किए गए सभी गवाह और सबूत षड्यंत्र और हत्या को साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।

यह है पूरा मामला

सीबीआई के मुताबिक आतंकवादियों से संबंध रखने वाला कथित गैंगेस्टर शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और उसके सहयोगी प्रजापति को गुजरात पुलिस ने एक बस से उस वक्त अगवा कर लिया था, जब वे लोग 22 और 23 नवंबर 2005 की दरम्यिानी रात हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहे थे। सीबीआई के मुताबिक शेख की 26 नवंबर 2005 को अहमदाबाद के पास कथित फर्जी मुठभेड़ में हत्या कर दी गई। उसकी पत्नी को तीन दिन बाद मार डाला गया और उसके शव को ठिकाने लगा दिया गया।

साल भर बाद 27 दिसंबर 2006 को प्रजापति की गुजरात और राजस्थान पुलिस ने गुजरात – राजस्थान सीमा के पास चापरी में कथित फर्जी मुठभेड़ में गोली मार कर हत्या कर दी। अभियोजन ने इस मामले में 210 गवाहों से पूछताछ की जिनमें से 92 मुकर गए।

इस बीच, बुधवार को अभियोजन के दो गवाहों ने अदालत से दरख्वास्त की कि उनसे फिर से पूछताछ की जाए। इनमें से एक का नाम आजम खान है और वह शेख का सहयोगी था। उसने अपनी याचिका में दावा किया है कि शेख पर कथित तौर पर गोली चलाने वाले आरोपी एवं पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान ने उसे धमकी दी थी कि यदि उसने मुंह खोला तो उसे झूठे मामले में फंसा दिया जाएगा। एक अन्य गवाह एक पेट्रोल पंप का मालिक महेंद्र जाला है।