सोहराबुद्दीन फ़र्ज़ी एनकाउंटर में नईम का अहम रोले

हैदराबाद 09 अगस्त: गिरे हाओनडस के हाथों हलाक होने वाले बदनाम-ए-ज़माना साबिक़ नेक्सलाइट मुहम्मद नईम ने मुबय्यना तौर पर सोहराबुद्दीन फ़र्ज़ी एनकाउंटर में अहम रोल अदा किया था। सेंट्रल ब्यूरो आफ़ इन्वेस्टीगेशन (सीबीआई) की टीम जो साल 2005 सोहराबुद्दीन फ़र्ज़ी एनकाउंटर और कौसर बी के क़त्ल की तहक़ीक़ात के सिलसिले में हैदराबाद आई थी और ये इन्किशाफ़ किया था कि नईम ने सोहराबुद्दीन को इस की बीवी के रुहानी ईलाज के बहाने हैदराबाद बुलाते हुए गुजरात पुलिस टीम के हवाले कर दिया था।

अफ़ज़लगंज से संगीता ट्रावेलस की बस में सवार होने वाले सोहराबुद्दीन शेख़ और इस की बीवी कौसर बी को सांगली (महाराष्ट्रा) जाने के दौरान गुजरात पुलिस की टीम ने उनका अग़वा कर लिया था और बादअज़ां फ़र्ज़ी एनकाउंटर में उन्हें हलाक करते हुए बीवी की इस्मत रेज़ि के बाद लाश को जला दिया था।

सोहराबुद्दीन मुआमले की तहक़ीक़ात कर रही सीबीआई टीम हैदराबाद पहुंच कर नईम के भांजे दामाद फ़हीम को सीबीआई के दफ़्तर तहक़ीक़ात के सिलसिले में तलब किया था, जिसके बाद पुर-असरार तौर पर लापता हो गया था और इस सिलसिले में सीबीआई के ख़िलाफ़ आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट में रिट दरख़ास्त भी दाख़िल की गई थी।

सोहराबुद्दीन फ़र्ज़ी एनकाउंटर केस मुआमले में सेंट्रल ब्यूरो इन्वेस्टीगेशन (सीबीआई) की ख़ुसूसी टीम चंद साल पहले भोंगीर नईम का पीछा करते हुए हैदराबाद पहूँची थी और इस की तलाश में कई मुक़ामात पर धावे किए थे जिसके नतीजे में वो सीबीआई को चकमा देकर फ़रार होने में कामयाब हो गया था।

45 साला मुहम्मद नईम साल 1990 में सीपीआई एम एल पीपल्ज़ वार ग्रुप में शमूलीयत इख़तियार की थी और बादअज़ां वो 1991में रेडिकल्स स्टूडेंटस यूनीयन (आर एसयू) भोंगीर का सदर बना। नईम को यादगीरगुटटा पुलिस ने ग्रेनाइट रखने के इल्ज़ाम में गिरफ़्तार किया था लेकिन जेल से सिहा होने के बाद इस ने पीपल्ज़ वार ग्रुप (पीडब्ल्यू जी ) नेक्सलाईट तंज़ीम के आलीरो दलम में शामिल हो गया और उसे बालना के नाम से जाना था।