सोहराब उद्दीन केस : अमित शाह बेक़सूर गुजरात आने की इजाज़त

बी जे पी ने गुजरात के साबिक़ वज़ीर ( पूर्व मंत्री) अमित शाह के बारे में बात करते हुए कहा कि ये बात हक़ीक़त पर मबनी ( बनी) थी कि मौसूफ़ बेक़सूर हैं । 2005 में सोहराब उद्दीन फ़र्ज़ी एनका‍उंटर के मुल्ज़िम अमित शाह को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात आने की इजाज़त दी है ।

इस पर पार्टी और पार्टी अरकान ( सदस्य) बेहद मसरूर (खुश) हैं । बी जे पी क़ाइद ( लीडर) प्रकाश ने कहा कि हमें इस बात की बेहद ख़ुशी है कि उन्हें रियासत गुजरात आने की इजाज़त दी गई है और इस तरह अब वो असेंबली इंतिख़ाबात ( चुनाव) की मुहिम ( अभियान) में भी शिरकत कर सकेंगे ।

ये हमारा कामिल ( पूरा) यक़ीन है कि अमित शाह सुहराब उद्दीन केस में मुलव्वस नहीं हैं । याद रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने जुमेरात के रोज़ सी बी आई की जानिब से अमित शाह की दरख़ास्त ज़मानत मुस्तर्द ( रद्द) करने जो दरख़ास्त दाख़िल की थी उसे मुस्तर्द कर दिया था ।

सुप्रीम कोर्ट ने अमित शाह के गुजरात में ममनूआ दाख़िले को भी बहाल करते हुए सुहराब उद्दीन केस को मुंबई मुंतक़िल (Transfer) कर दिया । सी बी आई का इस्तिदलाल ( दावा) है कि सुहराब उद्दीन उस की बीवी कौसर बी और तुलसी राम प्रजापति की हलाकत ( हत्या) एक ही साज़िश का हिस्सा हैं ।

सुहराब उद्दीन को गुजरात पुलिस ने 25 नवंबर 2005 को एक फ़र्ज़ी एनकाउंटर में हलाक कर ( मार) दिया था । दो रोज़ बाद सुहराब उद्दीन की बीवी कौसर बी को भी हलाक कर दिया गया था जबकि प्रजापति जो सुहराब उद्दीन का क़रीबी साथी था उसे 28 दिसमबर 2006 को हलाक किया गया था । जिस वक़्त फ़र्ज़ी एनकाउंटर्स किए गए थे उस वक़्त अमित शाह गुजरात काबीना ( मंत्रीमंडल) में थे ।