हैदराबाद 01 अक्टूबर: रियासत तेलंगाना में दर्ज फ़हरिस्त अक़्वाम-ओ-क़बाईल और पसमांदा तबक़ात के अलावा दुसरे आला तबक़ात के मुक़ाबिले में मुस्लिम तलबा के ड्रॉपआउटस सबसे ज़्यादा पाए जाते हैं।
नेशनल यूनीवर्सिटी आफ़ एजूकेशनल प्लैनिंग ऐंड एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से इस बात का इन्किशाफ़ किया है। बताया जाता हैके साल 2013-2014 प्राइमरी एजूकेशन शोबे में जुमला तलबा के ड्रॉपआउटस सिर्फ 17.43 फ़ीसद हैं तो वहीं मुस्लिम तलबा के ड्रॉपआउटस 30.95 फ़ीसद हैं।
ज़राए के मुताबिक़ बताया जाता हैके दर्ज फ़हरिस्त अक़्वाम ( एस सीज़) के ड्रॉपआउटस 16 फ़ीसद, दर्ज फ़हरिस्त क़बाईल, तबक़ात के
ड्रॉपआउटस 15.58 फ़ीसद , ओ बी सीज़ के ड्रॉपआउटस 18.69 फ़ीसद पाया जाता है।
बताया जाता हैके यही तरीका-ए-कार यानी यही सूरते हाल आला तालीमी शोबे में भी पाई जाती है बल्कि जारी है। इस सिलसिले में सरकारी मदारिस, ख़ानगी और एडेड के साथ साथ बाज़ अहम-ओ-मशहूर तरीन और नामवर मदारिस में तलबा के ड्रॉपआउटस का सर्वे किया गया और इस सर्वे में भी मुस्लिम तलबा के ड्रॉपआउटस की अहम वजह मआशी कमज़ोरी होने ( कमज़ोर माली मौक़िफ़) का इज़हार किया गया और बताया जाता हैके रोज़ाना दो वक़्त का खाना मुहय्या ना होने वाले मकानात में बच्चे अपनी तालीम जारी ना रखते हुए माँ बाप दरमियानी तालीमी साल में ही माँ बाप स्कूल भेजना बंद करके बच्चों को वर्कशॉप्स में हेल्पर्स के काम पर लगा देते हैं।