स्कूली निसाब में भगवत गीता के अस्बाक़ शामिल करने की ख़बर को मुकम्मल तौर पर गुमराह कुन और बेबुनियाद क़रार देते हुए हुकूमत मध्य प्रदेश ने कहा कि इंतिख़ाबात या मज़हब की बुनियाद पर हुकूमत मध्य प्रदेश ने इन अस्बाक़ को निसाब तालीम में शामिल नहीं किया है ।
दीगर मज़ाहिब के मज़ामीन भी तालीमी निसाब में शामिल किए गए हैं। बी जे पी की रियास्ती हुकूमत पर अपोजिशन पार्टी कांग्रेस और दीगर कई गोशों की जानिब से, हालिया मुरासला की बिना पर कि भगवत गीता के कई वाक़ियात निसाब तालीम में शामिल किए जाऐंगे ,ब्रहमी ज़ाहिर करने पर हुकूमत मध्य प्रदेश ने कहा कि उर्दू स्कूलों के तालीमी साल 2013-14 के निसाब में सिर्फ़ भगवत गीता ही नहीं दीगर मज़ाहिब के अस्बाक़ भी शामिल किए गए हैं।
कांग्रेस ने बी जे पी हुकूमत पर इल्ज़ाम आइद किया गया था कि ये फ़ैसला आर एस उसकी ईमा पर किया गया है और इस का मक़सद इंतिख़ाबात के पेशे नज़र समाज को फ़िर्कावाराना ख़ुतूत पर तक़सीम कर के सियासी फ़वाइद हासिल करना है। इसके बाद सरकारी बयान आज शाम जारी किया गया था जिस में वज़ाहत की गई कि पैग़म्बरम हज़रत मुहम्मद सिल्ली अल्लाह अलैहि वसल्लम ,वाक़िया कर्बला ,गुरु नानक देव ,महात्मा गौतमबुद्ध ,महावीर जैन ,हज़रत ऐसी और हज़रत ख़्वाजा मुईन उद्दीन चिशती ऒ के बारे में भी अस्बाक़ ,नज़्में और मालूमात निसाब तालीम में शामिल की गई हैं।
क्रिसमस ,बीबी फ़ातिमा ओ की हयात मुबारका ,होली ,ईद ,दीवाली ,ओणम ,दसहरा ,गुरु परब और महावीर जयंती के बारे में भी मुख़्तलिफ़ जमातों की किताबों में अस्बाक़ शामिल हैं।
उर्दू निसाब तालीम में भगवत गीता के सिर्फ़ दो पैग़ामात शामिल किए गए हैं और इन में से कोई भी पैग़ाम मज़हबी या फ़िर्कापरस्त नहीं है।