स्कूली बच्चे, अमेरीकी सदारती उम्मीदवारों से ज़्यादा होशयार?

वाशिंगटन 19 मार्च: अमेरीका में सदारती चुनाव के मौक़ों पर अक्सर ये देखा गया कि व्हाईट हाउस के लिए दौड़ में अक्सर उम्मीदवार अपने ख़िताब के दौरान कुछ एसे अलफ़ाज़ इस्तेमाल करते हैं या क़वाइद की बाज़ एसी गलतीयां करते हैं जो मिडिल स्कूल के बच्चों की ग़लतीयों से भी कहीं ज़्यादा फ़ाश होती हैं।

रवां मुहिम में डोनाल्ड ट्रम्प दुसरे उम्मीदवारों के मुक़ाबिला सबसे ज़्यादा इस किस्म की गलतीयां करते देखे गए। इस ज़िमन में अंग्रेज़ी ज़बान के माहिरीन और तहक़ीक़कारों ने दिलचस्प इन्किशाफ़ात किए हैं। जिनका कहना है कि ज़बान-ओ-बयान के मुआमले में डेमोक्रेटिक पार्टी के एक सदारती दावेदार बर्नी सांडर्स क़दरे बेहतरीन हैं जो क़वाइद और अलफ़ाज़ के एतबार से दसवीं जमात के स्टूडेंट्स से बराबर रखते हैं। लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प का बहुत बुरा हाल है जिनकी ज़बान-ओ-बयान और क़वाइद का मयार सातवीं जमात के स्टूडेंट्स जैसी है । ट्रम्प और हिल्लेरी क्लिंटन की तक़ारीर में ग़ैरमामूली तब्दीली देखी गई। बात को तबदील करने उनकी कोशिशों से पता चलता है कि वो अपने रिमार्कस की इस्लाह के लिए दूसरों से ज़्यादा सख़्त मेहनत कर सकते हैं।

हालिया अरसे के अमेरीका सदर में इबराहीम लिंकन सबसे बेहतर रहे। उनकी क़वाइद 11 वीं जमात के स्टूडेंट्स जैसी रही। इस तरह उन्होंने अपने इस अंदाज़ के ज़रीया अमेरीका के ताहाल तमाम उम्मीदवारों और तमाम हालिया सदर को पीछे छोड़ दिया। यहां ये इन्किशाफ़ भी दिलचस्प है कि साबिक़ सदर जॉर्ज वॉकर बुश जो अक्सर अपनी ज़बान के इस्तेमाल के सबब मज़ाक़ का निशाना बनाए जाते थे क़वाइद के एतबार से वो पांचवें जमात के स्टूडेंट्स की सतह पर रहे।