आम लोग वूज़रा की जिस स्कॉट पार्टी से परेशान हैं। जिस पर सवार पुलिस अहलकारों की करतूतों से लोग हर दिन जलील हो रहे हैं, उसे साथ लेकर चलने का हक़ वूज़रा को है ही नहीं।
रियासत के जो वज़ीर अपने काफिले में स्कॉट लेकर चलते हैं, वह क़वानीन को तोड़ रहे हैं। काफिले में स्कॉट पार्टी और सायरन बजाते हुए चलने की इजाज़त वूज़रा को नहीं है, क्योंकि झारखंड के वूज़रा को वाई ज़मरे की सेक्युरिटी फराहम है। वह भी ज़्यादातर को ओहदे की बुनियाद पर सेक्युरिटी दी गयी है। स्कॉट पार्टी फराहम कराने की तजवीज़ सिर्फ जेड प्लस ज़मरे के हासिल सख्स को ही है।
ओहदे की बुनियाद पर वाइ ज़मरे की सेक्युरिटी हासिल सख्स को महज़ आठ पुलिस अहलकार फराहम कराने की तजवीज़ है, जबकि खतरे की बुनियाद पर वाइ ज़मरे की सेक्युरिटी हासिल सख्स की सेक्युरिटी में 23 पुलिस अहलकार फराहम कराये जाते हैं, लेकिन झारखंड में वज़ीर बनते ही लीडर अपनी सेक्युरिटी में फौज जुटा लेते हैं। स्पेशल ब्रांच से मिलनेवाली सेक्युरिटी के अलावा मुखतलिफ़ अज़ला से भी सेक्युरिटी मांग लेते हैं, फिर काफिले के साथ चलते हैं।
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