स्तीफ़े देना बे फ़ैज़ :पनाबाका लक्ष्मी

मर्कज़ी मुमलिकती वज़ीर पनाबाका लक्ष्मी ने स्तीफ़ों को बे फ़ैज़ क़रार देते हुए सीमा आंध्र के लिए दरकार इनफ़रास्ट्रक्चर के लिए मर्कज़ी से नुमाइंदगी करने का मश्वरह दिया।

रियासती वज़ीर सयाहत चिरंजीवी ने हैदराबाद को दोनों रियासतों का मसक़क़ल सदर मुक़ाम बनाने पर ज़ोर दिया। पनाबाका लक्ष्मी ने कहा कि तेलंगाना पर फैसला होचुका है।

इस में तरमीम करने की भी कोई गुंजाइश नहीं है। वो स्तीफ़ा दे कर हुकूमत को परेशानियों में मुबतला करने का कोई इरादा नहीं रखती ।
उन्होंने कहा कि रियासत की तक़सीम तकलीफ़ दह है। मगर उसको कुबूल करना ही पड़ेगा। स्तीफ़ा देना मसले का हल नहीं है। सीमा आंध्र की तरक़्क़ी , दार-उल-हकूमत की तशकील के अलावा दूसरे उमूर पर गुफ़्तगु करने और हाईकमान को मनाने की ज़रूरत है।

उन्होंने कहा कि छोटी रियासतें तरक़्क़ी के मुआमले में मुआविन साबित होती है और इस से किसी का कोई नुक़्सान भी नहीं होगा। पार्ल्यमंट कि मीटिंग मुनाक़िद होने वालि है।

सवालात के जवाबात देना वुज़रा की ज़िम्मेदारी है। मर्कज़ी वज़ीर सयाहत चिरंजीवी ने कहा कि स्तीफ़े मसले का हल नहीं है। एहतेजाज करने से जो तशद्दुद फैल रहा है और सरकारी इमलाक को पहूंचने वाले नुक़्सानात का अवाम पर ही बोझ होगा।

ये इमलाक हमरा असासा है। इस का तहफ़्फ़ुज़ करना रियासत के तमाम बंदों पर ज़िम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस हाईकमान तेलंगाना पर किए गए फैसले पर नज़रसानी करने के लिए तैयार नहीं है तो हैदराबाद को दोनों रियासतों का मुस्तक़िल दार‍ उल‍ हुकूमत बनाने पर ज़ोर दिया।