रियास्ती हुकूमत ने साल 1985 से 1988 तक एक स्कीम के तहत स्पेशल टीचर्स के तक़र्रुत किए थे और माहाना उन्हें सिर्फ़ 398 रुपय तनख़्वाह दी गई थी।
रियासत के टीचर्स की नुमाइंदा तंज़ीम PRTU के लीडर्स सय्यद अहमद बुख़ारी, ख़्वाजा मुईन उद्दीन, इसरार अहमद ने बताया के मज़कूरा स्कीम के तहत हुकूमत ग़ैर तर्बीयत याफ़ता इन ट्रेंड टीचर्स की बड़े पैमाने पर बहैसीयत स्पेशल टीचर भर्ती की थी।
बादअज़ां उन्हें नौ माह तक इन सरवेस टीचर्स ट्रेनिंग भी दी गई थी जिस के बाद स्केल दिया गया। टीचर्स तंज़ीम PRTU के इन क़ाइदीन ने बताया कि बाअज़ टीचर्स तीनता पाँच साल तक सिर्फ बहैसीयत स्पेशल टीचर्स ख़िदमात अंजाम दिए थे।
जिस की वजह से आज उन की तनख़्वाह काफ़ी हद तक कम है। पी आर टी यू लीडर्स ने बताया के टीचर्स ऐम अलसी मोहन रेडडी ने इस ख़सूस मैं रियास्ती चीफ़ मिनिस्टर मटर के करण कुमार रेडडी से नुमाइंदगी की कि स्पेशल टीचर्स को नोशनल इनकरीमनट दिया जाय जिस पर चीफ़ मिनिस्टर ने रजामंदी ज़ाहिर करदी है और अनक़रीब इस ख़सूस मैं रियास्ती हुक्मनामा ( जी ओ ) जारी करेगी जिस से रियासत भर में तक़रीबन 40 हज़ार स्पेशल टीचर्स को नोशनल इनकरीमनट से माली फ़ायदा हासिल होगा और उन के स्केल में काफ़ी हद तक इज़ाफ़ा होगा।