स्पोर्टस कोटा पर नज़रसानी की ज़रूरत हाइकोर्ट का अफ़सोस

हैदराबाद 19 अगस्त: हैदराबाद हाइकोर्ट ने इज़हार किया कि स्पोर्टस कोटा का अज़सर-ए-नौ जायज़ा लिया जाना चाहीए क्युं कि उस की कोई दस्तूरी असास नहीं है।

स्पोर्टस और प्रोफेशनल एजूकेशन पर तहफ़्फुज़ात के नतीजे में मनफ़ी असर हो रहा है। जस्टिस वी रामा सुब्रामनियन और जस्टिस अनीस पर मुश्तमिल बेंच ने 8 अगस्त को सुनाए गए फ़ैसले में हाइकोर्ट के इस से पहले दिए गए हुक्मनामा का हवाला दिया जिसमें वाज़िह तौर पर कहा गया था कि स्पोर्टस, एनसीसी में नुमायां कारकर्दगी पेश करने वालों को इस तरह के तहफ़्फुज़ात की दस्तूरी ज़मानत नहीं दी जा सकती।

बेंच ने एक स्टूडेंट की रट दरख़ास्त मुस्तर्द कर दी जिसे हुकूमत आंध्र प्रदेश और एनटीआर यूनीवर्सिटी आफ़ हेल्थ साइंस ने स्पोर्टस ज़मुरा में मेडिकल नशिस्त मुख़तस करने से इनकार कर दिया था। दरख़ास्त गुज़ार एमसेट 2016 में शरीक हुआ और स्पोर्टस ज़मुरा में नशिस्त ना देने हुक्काम के फ़ैसले को नामुनासिब क़रार दिया था।