FIFA वर्ल्ड कप- मुस्लिम खिलाड़ी पोगबा ने दिया बेहतरीन गोल, फ्रांस 4-1 से आगे

पूर्व चैंपियन फ्रांस ने एंटोनी ग्रीजमैन के बेहतरीन खेल से फीफा विश्व कप 2018 के फाइनल में मध्यांतर तक क्रोएशिया पर 4-1 से बढ़त बनाई. फ्रांस ने 18वें मिनट में मारियो मैंडजुकिच के आत्मघाती गोल से बढ़त बना लेकिन इवान पेरिसिच ने 28वें मिनट में बराबरी का गोल दाग दिया. फ्रांस को हालांकि जल्द ही पेनल्टी मिली जिसे एंटोनी ग्रीजमैन ने 38वें मिनट में गोल में बदला. दोनों टीमें 4-2-3-1 के संयोजन के साथ मैदान पर उतरी. क्रोएशिया ने इंग्लैंड की खिलाफ जीत दर्ज करने वाली शुरुआती एकादश में बदलाव नहीं किया तो फ्रांसीसी कोच डिडियर डेसचैम्प्स ने अपनी रक्षापंक्ति को मजबूत करने पर ध्यान दिया.

इन दोनों की नजरों में विश्व विजेता बनने का सपना है. दोनों टीमें रविवार को अपने इसी सपने के लिए एक दूसरे से लड़ेंगी. फ्रांस तीसरी बार फाइनल में पहुंची है. वह 1998 में पहली बार अपने घर में खेले गए विश्व कप में फाइनल खेली थी और जीतने में सफल रही थी. इसके बाद 2006 में उसने फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन इटली से हार गई थी. फ्रांस के पास फाइनल खेलने का अनुभव है, लेकिन अगर क्रोएशिया की बात की जाए तो वह पहली बार फाइनल खेलेगी.

क्रोएशिया यहां तक पहुंचेगी यह किसी ने भी नहीं सोचा था, लेकिन उसने जिस तरह का खेल दिखाया है वो उसे फाइनल में जाने का हकदार बनाता है. हार न मानने की जिद क्रोएशिया की सबसे बड़ी ताकत है जो उसने इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए दूसरे सेमीफाइनल में भी दिखाई थी. एक गोल से पीछे होने के बाद अतिरिक्त समय में मैच ले जाकर इंग्लैंड से जीत छीन ली थी.

वह लगातार तीन मैच अतिरिक्त समय में ले जाकर जीतती आई है. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह आखिरी पल तक हार नहीं मानती. फ्रांस के लिए यह सिरदर्द है, लेकिन क्या क्रोएशिया, फ्रांस की बेहद मजबूत चुनौती खासकर उसके डिफेंस को भेद पाने में कामयाब रहेगी, यह मैच के दिन ही पता चलेगा.

लुका मोड्रिक की यह टीम फ्रांस को पस्त करने का माद्दा जरूर रखती है. क्रोएशिया एक संतुलित टीम है जिसकी ताकत उसकी मिडफील्ड है. लुका मोड्रिक को विश्व का सर्वश्रेष्ठ मिडफील्डर माना जाता है. कप्तान के तौर पर उनके ऊपर अपने देश को पहला विश्व कप दिलाने की जिम्मेदारी है. क्रोएशिया ऐसी टीम नहीं है जो सिर्फ एक खिलाड़ी के दम पर खेले. उसके पास एंटे रेबिक, इवान राकिटिक, सिमे वारसाल्ज्को, इवान पेरीकिस जैसे खिलाड़ी हैं.

क्रोएशिया की एक और ताकत है उनके गोलकीपर डेनियर सुबासिच. जिन्होंने पूरे विश्व कप में कई शानदार बचाव कर अपनी टीम को यहां तक पहुंचाने में शानदार भूमिका निभाई है. इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में भी उन्होंने आसान मौकों पर भी गोल नहीं करने दिए थे.

क्रोएशिया के डिफेंस और गोलकीपर दोनों के लिए फ्रांस के आक्रामण को रोकना आसान नहीं होगा. एंटोनियो ग्रीजमैन, कीलियन एमबाप्पे, पॉल पोग्बा, एनगोलो कांते को रोकना टेढ़ी खीर है, हल्की सी चूक और ये गेंद को नेट में डाल देते हैं, लेकिन इससे भी ज्यादा मुश्किल क्रोएशिया के लिए फ्रांस के डिफेंस को तोड़ना है.

फ्रांस के डिफेंस में राफेल वरान, सैमुएल उम्तीती और गोलकीपर ह्यूगो लोरिस की तिगड़ी है जो अच्छे से अच्छे अटैक को अभी तक रोकने में सफल रही है. यह दीवार कभी न हार मानने वाली क्रोएशिया के सामने ढह जाएगी या नहीं इस बात का पता फाइनल में चलेगा.

फ्रांस ने जब पहली बार विश्व कप जीता था तब उसके कप्तान दिदिएर डेसचेम्पस थे जो इस समय टीम के कोच हैं. अगर यह रणनीतिकार फ्रांस को दूसरा विश्व कप दिलाने में सफल रहता है तो वह विश्व के ऐसे तीसरे शख्स बन जाएंगे जिसने खिलाड़ी और कोच के तौर पर विश्व कप जीता हो. उनसे पहले ब्राजील के मारियो जागालो और जर्मनी के फ्रांज बेककेनबायुएर ने कोच और खिलाड़ी से तौर पर विश्व कप जीते हैं. फाइनल मैच के रोमांचक होने की पूरी उम्मीद है.